बचपन से महसूस किया “गलत शरीर में हूं”
अनाया ने इंटरव्यू में बताया कि जब वह केवल 8-9 साल की थीं, तभी उन्हें एहसास हुआ कि वह लड़की हैं. उन्होंने कहा, “मैं मां की अलमारी से कपड़े पहनती थी और शीशे में खुद को देखती थी. तब समझ आ गया था कि मुझे लड़की बनना है.” उन्होंने यह भी बताया कि अपने पापा संजय बांगर के क्रिकेटर होने की वजह से उन्हें अपनी पहचान छुपानी पड़ी.
क्रिकेटरों ने भेजीं अश्लील तस्वीरें
अनाया ने दावा किया कि महिला बनने के बाद उन्हें एक ओर समाज का समर्थन मिला, लेकिन दूसरी ओर कुछ क्रिकेटरों ने उन्हें उत्पीड़न का शिकार भी बनाया. उन्होंने कहा “कुछ क्रिकेटरों ने मुझे न्यूड तस्वीरें भेजीं. एक पूर्व क्रिकेटर ने तो यहां तक कह दिया कि चलो कार में, मैं तुम्हारे साथ सोना चाहता हूं.”
क्रिकेट में कर चुकी हैं हिस्सा
अनाया खुद भी क्रिकेट खेल चुकी हैं. उन्होंने मुंबई के इस्लाम जिमखाना क्लब की ओर से स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट्स में भाग लिया है. हालांकि नवंबर 2023 में ICC ने ट्रांसजेंडर एथलीटों को महिला क्रिकेट में खेलने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया. जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं.
अनाया की कहानी उन ट्रांसजेंडर लोगों की हिम्मत और संघर्ष को सामने लाती है जो समाज में अपनी पहचान के लिए लड़ते हैं. साथ ही यह भी दिखाती है कि लोकप्रियता और पहचान के पीछे उन्हें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है.