आतंकवादी हमले ने बढ़ाई संवेदनशीलता
अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या किए जाने के बाद से भारत में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश का माहौल है. इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव भी देखा गया था. ऐसे माहौल में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
Asia cup 2025: खेल मंत्रालय की सीमाएं
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है. खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा,”बीसीसीआई फिलहाल खेल मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता क्योंकि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक अभी पारित नहीं हुआ है. ऐसे में सीधे हस्तक्षेप करना संभव नहीं है. “हालांकि, मंत्रालय यह देख रहा है कि बीसीसीआई इस विषय पर जनभावनाओं का क्या सम्मान करता है और क्या रुख अपनाता है.
एसीसी को होगा भारी नुकसान
एशिया कप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अधीन नहीं आता, बल्कि इसका आयोजन एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) करती है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी इस समय एसीसी के अध्यक्ष हैं.
भारत-पाकिस्तान मुकाबलों पर भारी आर्थिक दांव लगे हैं. सोनी नेटवर्क ने एसीसी से आठ साल के प्रसारण अधिकार 170 मिलियन डॉलर में खरीदे हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले न होने पर प्रसारकों और एसीसी के राजस्व पर भारी असर पड़ेगा. बीसीसीआई इस नुकसान को झेलने में सक्षम है, लेकिन अन्य छोटे देशों के क्रिकेट बोर्ड, जो क्रिकेट पर निर्भर नहीं हैं, उनकी वित्तीय स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
खेल मंत्रालय ने संसद में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक प्रस्तुत किया है, जिसमें असाधारण परिस्थितियों और राष्ट्रीय हित में मंत्रालय को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार मिलेगा.
विधेयक अभी संसद में पारित नहीं हुआ है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह कानून बनेगा. तब तक बीसीसीआई को स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट बनी रहेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा “जैसे ही यह अधिनियम लागू होता है, परिदृश्य बदल सकता है. लेकिन फिलहाल स्थिति वैसी ही है और निर्णय बीसीसीआई को ही लेना है.”
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