इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स की एक तेज यॉर्कर उनके दाहिने पैर पर लगी, जिससे वह बेहद दर्द में नजर आए और रिटायर्ड हर्ट होकर सीधे मेडिकल सेंटर भेजे गए. पंत 37 रन बनाकर मैदान से बाहर गए. उनके बाद रवींद्र जडेजा क्रीज पर उतरे. इस घटना ने न सिर्फ भारतीय प्रशंसकों को चिंता में डाल दिया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या पंत की चोट गंभीर होने की स्थिति में भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट मिल सकता है?
चोट पर ICC का नियम
इस संदर्भ में क्रिकेट के नियम साफ हैं कन्कशन सब्स्टीट्यूट केवल तब मिलता है, जब खिलाड़ी को सिर पर चोट लगी हो और वह खेल जारी रखने में असमर्थ हो. ऐसी स्थिति में टीम को एक ऐसा खिलाड़ी उतारने की इजाजत मिलती है, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कर सके. अगर पंत को सिर में चोट लगी होती तो भारत ध्रुव जुरेल जैसे विकेटकीपर-बल्लेबाज को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में उतार सकता था.
लेकिन चूंकि पंत की चोट सिर पर नहीं बल्कि पैर पर है, इसलिए इस नियम के तहत भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट की अनुमति नहीं मिलेगी. लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट के तहत भारतीय टीम को एक विकल्प खिलाड़ी मिल सकता है जो फील्डिंग या विकेटकीपिंग कर सकेगा, लेकिन उसे बल्लेबाजी या गेंदबाजी की अनुमति नहीं होगी. इस स्थिति में भारत को बल्लेबाजी के लिए सिर्फ 10 खिलाड़ी ही उपलब्ध होंगे.
वहीं पहले दिन के खेल की बात करें, तो भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 264 रन स्कोरबोर्ड पर टांगे. यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन ने फिफ्टी जड़ी, तो केएल राहुल ने 46 रन और कप्तान शुभमन गिल ने केवल 12 रन का योगदान दिया. दिन का खेल समाप्त होने तक रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर 19-19 रन बनाकर नाबाद लौटे.
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