वर्ल्ड कप टीम पर चयन पर कही यह बात
चाहर से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि टी-20 विश्व कप में उनके खेलने का रास्ता खुल सकता है तो उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे चुना जायेगा या नहीं क्योंकि यह मेरे हाथ में नहीं है लेकिन कौशल की बात करें तो मैंने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैंने वहीं से शुरुआत की जहां छोड़ा था और आज भी शुरुआती दो ओवर को छोड़कर मैंने अच्छी गेंदबाजी की. मैंने एक साथ सात ओवर गेंदबाजी की जो दर्शाता है कि मेरी फिटनेस का स्तर ठीक है.
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गेंद स्विंग करने से मिली मदद
लय हासिल करने वाले चाहर सुबह के सत्र में गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने में सफल रहे और उन्होंने खुलासा किया कि उनकी योजना फुल लेंथ गेंदबाजी करने की थी. चाहर ने कहा, मेरी योजना सामान्य सी थी, जब गेंद स्विंग हो रही हो तो फुल लेंथ गेंदबाजी करने का प्रयास करो और विकेट चटकाओ. अगर गेंद स्विंग नहीं हो रही हो तो मेरे पास ‘बी’ या ‘सी’ योजना भी होती है. आज जब मैं गेंदबाजी कर रहा था तो सात ओवर तक गेंद स्विंग हो रही थी. इसलिए सामान्य सी बात थी कि फुल लेंथ गेंदबाजी करो और स्विंग का मिश्रण करके बल्लेबाजों को भ्रम में डालो.
दीपक चाहर टी-20 विशेषज्ञ
टी-20 विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाने वाले चाहर ने कहा कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में जब उनका रिहैबिलिटेशन पूरा होने वाला था तो उन्हें पता था कि उन्हें जिम्बाब्वे में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से वापसी का मौका मिलेगा और उन्होंने अपने शरीर को 50 ओवर के प्रारूप के अनुकूल तैयार किया. इस तेज गेंदबाज ने कहा, मुझे पता था कि मैं इस श्रृंखला में वापसी करूंगा जो एकदिवसीय श्रृंखला है इसलिए मैंने अपने शरीर पर उसी के अनुसार बोझ डालना शुरू कर दिया. जिस दिन मैंने गेंदबाजी शुरू की उस दिन मैंने छह ओवर फेंके और फिर जब मैंने दो-तीन अभ्यास मैच खेले तो मैंने पूरे 10 ओवर गेंदबाजी की.
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