अलविदा… भारत को हराकर न्यूजीलैंड को चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने वाले दिग्गज कोच का निधन

David Trist: न्यूजीलैंड को 2000 में पहली आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले पूर्व कोच डेविड ट्रिस्ट का 77 साल की उम्र में क्राइस्टचर्च में निधन हो गया. पूर्व तेज गेंदबाज ट्रिस्ट ने कोचिंग में उतरने से पहले कैंटरबरी के लिए 14 साल क्रिकेट खेला और 1999 में न्यूजीलैंड टीम के कोच बने.

By Anant Narayan Shukla | May 30, 2025 12:39 PM
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David Trist: न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को 2000 में पहली बार किसी बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में खिताबी जीत दिलाने वाले पूर्व कोच डेविड ट्रिस्ट का 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने क्राइस्टचर्च में अंतिम सांस ली. डेविड ट्रिस्ट ने एक तेज गेंदबाज के रूप में कैंटरबरी के लिए 14 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और बाद में कोचिंग में कदम रखा. कोचिंग करियर में उन्होंने कैंटरबरी, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और नीदरलैंड्स जैसी टीमों के साथ काम किया, जिसके बाद 1999 में उन्होंने न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम की कमान संभाली. उन्होंने स्टीव रिक्सन की जगह ली थी.

न्यूजीलैंड क्रिकेट ने उनके निधन पर सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “NZC पूर्व ब्लैककैप्स कोच डेविड ट्रिस्ट के निधन की पुष्टि करते हुए बेहद दुखी है, जिनका कल क्राइस्टचर्च में 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. न्यूजीलैंड क्रिकेट डेविड के परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता है.”

हालांकि, उनका कोचिंग कार्यकाल सिर्फ दो वर्षों का रहा, लेकिन इस दौरान न्यूजीलैंड ने पहली बार कोई बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट जीता. उनकी कोचिंग में टीम ने 2000 नैरोबी में हुए चैंपियंस ट्रॉफी (ICC नॉकआउट) के फाइनल मुकाबले में भारत को चार विकेट से हराया था. इस मैच में क्रिस केयर्न्स ने नाबाद शतक लगाकर जीत में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने मैच के निर्णायक पल को याद करते हुए कहा, “मैं समझता हूं कि उस पारी के आखिरी हिस्से में भारतीय टीम का मूड ‘हमने जीत लिया’ से ‘ओह शिट!’ में बदल गया था. क्रिस ने शतक पूरा किया, और यह पारी न्यूजीलैंड क्रिकेट के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण पारियों में से एक बन गई.”

डेविड ट्रिस्ट ने उस टूर्नामेंट को याद करते हुए कहा था, “मैं इस जीत को सबसे पहले खिलाड़ियों के लिए खुशी का पल मानता हूं और फिर न्यूजीलैंड के लिए एक विशेष उपलब्धि. भले ही टूर्नामेंट में सिर्फ तीन मैच थे, लेकिन वह बेहद कठिन थे अफ्रीका में जिम्बाब्वे और फिर दुनिया की दो बड़ी टीमों को हराकर हमने एक बड़ी उलटफेर कर दी.”

राष्ट्रीय टीम से अलग होने के बाद भी ट्रिस्ट ने क्रिकेट से नाता नहीं तोड़ा. उन्होंने क्राइस्टचर्च के ओल्ड कोलेजियन्स क्रिकेट क्लब में कोचिंग निदेशक के रूप में काम किया और भारत व इंग्लैंड में भी कोचिंग भूमिकाएं निभाईं. उनके निधन से न्यूजीलैंड क्रिकेट को बड़ा धक्का लगा है.

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