वोक्स ने अभी तक 59 टेस्ट मैच खेले हैं और वह इंग्लैंड के आक्रमण में सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं. इस तेज गेंदबाज ने दो मैचों में 82 ओवर फेंके और 290 रन देकर केवल तीन विकेट लिए. उन्होंने जिन तीन पारियों में बल्लेबाजी की, उनमें उन्होंने 50 रन बनाए और उनका सर्वोच्च स्कोर 38 रन है. बॉयकॉट ने ब्रिटिश दैनिक ‘द टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘जब खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ समय बीत जाता है तो वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता और ऐसे खिलाड़ियों को टीम में रखने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.’’
क्रिस वोक्स की गति हो रही कम
बॉयकॉट ने लिखा, ‘‘क्रिस वोक्स को देखिए. उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी गति कम होती जा रही है, जैसा कि आप उम्मीद कर सकते हैं. वह विदेश में कभी भी विकेट लेने वाले गेंदबाज नहीं रहे हैं, जहां उनका रिकॉर्ड खराब है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है और जब बल्लेबाज विफल रहते हैं तो उनसे रन बनाने की उम्मीद की जाती है लेकिन उनका मुख्य कौशल गेंदबाजी है और उनका काम विकेट लेना है.’’
बल्लेबाजी दिमाग में होती है
क्रॉली के मामले में बॉयकॉट ने कहा कि यह सलामी बल्लेबाज इससे बेहतर नहीं हो सकता. क्रॉली ने भारत के खिलाफ अब तक चार पारियों में एक अर्धशतक लगाया है. बॉयकॉट ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि वह बदल सकते हैं या बेहतर हो सकते हैं. बल्लेबाजी दिमाग में होती है और दिमाग ही तय करता है कि आप बल्लेबाजी कैसे करेंगे, आप कौन से शॉट खेलने की कोशिश करेंगे, कौन सी गेंदें छोड़ेंगे. तकनीक और सोच में उनकी खामियां गहरी हैं.‘‘
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