उठ जा, बच्चा है क्या? जब 19 साल के युवराज ने झेली ऑस्ट्रेलियाई स्लेजिंग, फिर फ्लिंटॉफ को सूद समेत लौटाया

Steve Waugh sledging Yuvraj Singh: ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्लेजिंग को शुरुआत से ही आक्रामक हथियार की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं. युवराज सिंह को अपने डेब्यू मैच में ही स्टीव वॉ की तीखी स्लेजिंग झेलनी पड़ी, जिसने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बना दिया. योगराज सिंह के मुताबिक, वॉ ने बाउंसर लगने पर युवराज से कहा था - "उठ जा, ये स्कूल क्रिकेट नहीं है, तू कोई बच्चा है क्या!"

By Anant Narayan Shukla | June 17, 2025 10:46 AM
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Steve Waugh sledging Yuvraj Singh: स्लेजिंग क्रिकेटरों का वह अस्त्र है जिसे आमतौर पर वे अंतिम समय में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के मामले में यह बिल्कुल अलग रहा है. वे शुरुआत से ही इसे आक्रामक शैली में अपनाते रहे हैं. युवराज सिंह को भी अपने डेब्यू मैच में ही कंगारू कप्तान से इसकी तीव्रता झेलनी पड़ी और संभव है कि यही अनुभव उन्हें मानसिक रूप से और अधिक मजबूत बनाने में निर्णायक साबित हुआ. युवराज के पिता और पूर्व भारतीय क्रिकेटर योगराज सिंह ने बताया कि किस तरह ऑस्ट्रेलियाई टीम और विशेष रूप से स्टीव वॉ की स्लेजिंग ने युवराज को मानसिक रूप से मजबूती दी और मुकाबले में दो-टूक जवाब देना सिखाया. योगराज ने कहा कि वॉ ने एक बार बाउंसर लगने के बाद जमीन पर गिरे युवराज को यह कहकर चिढ़ाया था – “उठ जा, ये स्कूल क्रिकेट नहीं है, तू कोई बच्चा है क्या!”

योगराज ने इनसाइड स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, “मेरे लिए क्रिकेट एक जेंटलमैन का युद्ध है. जब आप मैदान में होते हो, तो कई बार आप बस अपनी भूमिका निभा रहे होते हैं और लोगों को इसे समझना चाहिए. मुझे नहीं पता आपने ऑस्ट्रेलियंस को मैदान पर देखा है या नहीं, लेकिन वे मैदान पर हर चीज को गाली देते हैं. डिक्शनरी के हर कठोर शब्द का इस्तेमाल करते हैं. मुझे याद है जब युवराज को गेंद लगी और वह गिर गया. स्टीव वॉ आया और बोला, ‘उठ जा, ये स्कूल क्रिकेट नहीं है, तू कोई बच्चा है क्या?’”

डेब्यू मैच में खेली थी शानदार पारी

युवराज सिंह ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नैरोबी (केन्या) में चैंपियंस ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल में की थी. नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आए युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और 80 गेंदों में 84 रनों की पारी खेली, जिसमें 12 चौके शामिल थे. उनकी इस पारी ने भारत को 265/9 का स्कोर बनाने में मदद की, जिसकी बदौलत भारत ने यह मैच 20 रन से जीत लिया और सेमीफाइनल में जगह बनाई.

फ्लिंटॉफ के साथ बहस में आया था युवी का अंदाज

युवराज सिंह को स्लेज करना किसी भी टीम के लिए बेहतर रणनीति नहीं रही यह इंग्लैंड के मशहूर खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ को 2007 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान अच्छी तरह समझ में आ गया था. उस मुकाबले में भारत के इस सफेद गेंद के माहिर बल्लेबाज ने स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंदबाजी पर एक ओवर में लगातार छह छक्के ठोक दिए थे. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद युवराज ने अपना बल्ला फ्लिंटॉफ की ओर भी घुमाया, जिनसे कुछ ही क्षण पहले उनकी तीखी नोकझोंक हुई थी. हालांकि, युवराज हमेशा से ऐसे नहीं थे. जब वे पहली बार 19 साल की उम्र में भारत के लिए खेले, तो उनमें वह आक्रामकता नहीं थी जो फ्लिंटॉफ को सालों बाद महसूस हुई. उस समय वे क्रिकेट मैदान पर बहस या अपशब्दों से दूर ही रहते थे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण मैच ने उनका दृष्टिकोण पूरी तरह बदल दिया.

योगराज सिंह ने आगे बताया कि युवराज और फ्लिंटॉफ के बीच जो हुआ, वह इसी कारण हुआ कि युवराज ने अब मैदान पर पलटकर जवाब देना सीख लिया था. योगराज ने कहा, “और फिर वह (युवराज) बस उठ खड़ा हुआ. और फिर वो भी उन्हीं की भाषा में जवाब देने लगा. फिर वही फ्लिंटॉफ और युवी वाला वाकया हुआ.” 

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