रविवार रात मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कपूर ने कहा, ‘‘अगर आप शुभमन को बल्लेबाज या मूल रूप से क्रिकेटर के तौर पर देखते हैं, वह सोच-समझकार काम करने वाला है या नहीं, मुझे लगता है कि वह अपने खेल के बारे में काफी सोच-समझकर काम करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उसे अंडर-16 के दिनों से देखा है. असल में मैंने उसके साथ एनसीए में दो शिविर किए हैं. उस समय भी उसने अपनी उम्र के कई अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपने दिमाग का बहुत अधिक उपयोग किया. यह एक कप्तान के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है, उसे ना केवल अपने लिए बल्कि दस अन्य खिलाड़ियों के लिए भी सोचना है और मैच जीतने की योजना बनाना है.’’
सीमित अनुभव के आधार पर आकलन करना मुश्किल
भारत 20 जून से लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला की शुरुआत करने को तैयार है और इस सप्ताह नए टेस्ट कप्तान की घोषणा होने की उम्मीद है. यह पूछे जाने पर कि अगर अवसर दिया जाता है तो गिल लाल गेंद के कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं, कपूर ने कहा कि सीमित अनुभव के आधार पर नेतृत्व क्षमताओं का आकलन करना मुश्किल है. भारत के इस पूर्व स्पिनर ने कहा, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं. हम उन्हें टी20 क्रिकेट में नेतृत्व करते हुए देख रहे हैं लेकिन जब धोनी को विश्व कप (2007 में) के लिए कप्तान बनाया गया था तब उन्होंने कहीं भी कप्तानी नहीं की थी. तब किसी को नहीं पता था कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक बन जाएगा.’’
धोनी से भी पूछने पर कोई जवाब नहीं मिलता
कपूर ने कहा, ‘‘अगर आप उस समय किसी से पूछते, यहां तक कि खुद धोनी से भी कि वह अपनी कप्तानी के बारे में क्या सोचते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता. किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले आपको एक खिलाड़ी को काफी समय तक देखना होता है. शुभमन ने अभी शुरुआत भी नहीं की है इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है.’’ यानी टेस्ट कप्तानी में गिल की योग्यता का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी.
‘साई सुदर्शन स्मार्ट क्रिकेटर हैं’- कपूर
कपूर ने पारंपरिक क्रिकेट शॉट खेलने के लिए साई सुदर्शन की भी प्रशंसा की. सुदर्शन ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ नाबाद 108 रन की पारी खेली और आईपीएल के मौजूदा सत्र में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए. कपूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे खुद भी खेल को अच्छी तरह समझते हैं. वे स्मार्ट क्रिकेटर हैं, स्मार्ट बच्चे हैं. आपको उन्हें कभी-कभी बताते रहना चाहिए लेकिन वे अपने खेल का विश्लेषण खुद करते हैं. वे आक्रमण करना चाहते हैं. अगर आप देखें तो उसके आक्रामक शॉट भी बाउंड्री हैं. अगर उसे कोई छोटी या कमजोर गेंद मिलती है तो वह छक्का जड़ देता है. लेकिन बाकी सभी उचित क्रिकेट है, जमीन से छूते हुए आक्रामक शॉट. वह अपनी पारी की शुरुआत में इन शॉट को खेलने के लिए अधिक जागरूक है. पिछले साल यह प्रतिशत कम था जो इस साल बेहतर हो गया है.’’
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