एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जगन मोहन राव, कोषाध्यक्ष सी श्रीनिवास राव, सीईओ सुनील कांते, महासचिव राजेंद्र यादव और उनकी पत्नी जी कविता सहित एचसीए के पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सनराइजर्स हैदराबाद की उस याचिका की जांच के आदेश दिए थे जिसमें एचसीए द्वारा बार-बार की जा रही ‘ब्लैकमेलिंग रणनीति’ को रोकने के लिए क्रिकेट संचालन संस्थाओं के हस्तक्षेप की मांग की गई थी. हालांकि राज्य इकाई ने फ्रेंचाइजी द्वारा लगाए गए ऐसे सभी आरोपों से इनकार किया. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) संचालन परिषद को लिखे पत्र में सनराइजर्स हैदराबाद ने आरोप लगाया कि एचसीए फ्रेंचाइजी को मानार्थ टिकट (फ्री पास) के लिए ‘धमकी’ दे रहा है.
एसआरएच की ओर से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीसीसीआई को भेजे गए ईमेल में लिखा गया था, “मैं यह पत्र SRH टीम के संबंध में HCA द्वारा बार-बार किए जा रहे दबाव और ब्लैकमेलिंग की शिकायत के लिए लिख रहा हूं. यह समस्या अब लगातार सामने आ रही है और मुझे लगता है कि बीसीसीआई और आईपीएल संचालन परिषद को तुरंत इस पर कदम उठाना चाहिए.” अधिकारी ने यह भी कहा कि मुफ्त पासों के वितरण को लेकर स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए, क्योंकि आमतौर पर कुल टिकटों का पांच प्रतिशत पास के रूप में दिया जाता है.
तेलंगाना विजिलेंस कमीशन की रिपोर्ट में सनराइजर्स हैदराबाद और HCA से जुड़े विवाद को लेकर गंभीर खुलासे सामने आए हैं. जांच में पाया गया कि एचसीए के तत्कालीन अध्यक्ष जगन मोहन राव और अन्य पदाधिकारियों ने आईपीएल फ्रेंचाइजी एसआरएच पर दबाव बनाया, ताकि उन्हें निर्धारित 10% से अधिक टिकट मिल सकें. रिपोर्ट के अनुसार, इन अतिरिक्त टिकटों में कुछ टिकटों का उपयोग व्यक्तिगत बिक्री के लिए भी किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है. इतना ही नहीं, एक मैच के दौरान एचसीए के सदस्यों ने कथित तौर पर कॉर्पोरेट बॉक्स को जानबूझकर बंद कर दिया था, जिससे एसआरएच प्रबंधन पर और टिकट देने का दबाव डाला जा सके. इस कदम को भी रिपोर्ट में नियम विरुद्ध और अनुचित करार दिया गया है.
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