ओवल टेस्ट से दो दिन पहले भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने समझाया कि वर्कलोड कैसे मापा जाता है. कोटक के अनुसार, बीसीसीआई वर्कलोड मापने के लिए गेंदबाज के हफ्तेभर के गेंदबाजी ओवरों की गिनती करता है. अगर गेंदबाज टी20 की तैयारी में पांच दिन में छह-छह ओवर डाल रहा है तो यह पर्याप्त माना जाता है. वहीं टेस्ट क्रिकेट की तैयारी में हफ्ते में लगभग 30 ओवर का औसत सामान्य समझा जाता है. लेकिन अगर कोई गेंदबाज अचानक इससे ज्यादा, जैसे किसी पारी में 35 ओवर डाल देता है, तो इसे ‘स्पाइक’ यानी लोड में खतरनाक उछाल माना जाता है.
वर्कलोड आकलन में केवल आंकड़े ही नहीं, बल्कि गेंदबाज की शारीरिक और मानसिक थकान भी अहम कारक होती है. अगर खिलाड़ी खुद को थका हुआ महसूस करता है, तो उसके वर्कलोड को कम करने का निर्णय लिया जाता है. इस प्रक्रिया में बॉलिंग कोच और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग (S&C) टीम अहम भूमिका निभाते हैं. वे न सिर्फ घरेलू सीरीज में बल्कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट के दौरान भी खिलाड़ियों से लगातार संपर्क में रहते हैं, ताकि तैयारी में निरंतरता बनी रहे और चोट का खतरा कम से कम हो.
बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दोरे पर झेली परेशानी
जब बुमराह पिछले सर्दियों में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे, तो उनका वर्कलोड एक टेस्ट में लगभग 45-50 ओवर था. हालांकि, वह सिडनी में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में चोटिल नहीं हुए, जबकि मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने लगभग 52 ओवर डाले थे. असल में, उन्होंने एक ही सत्र में अधिक ओवर डालकर लोड बढ़ा दिया था. इसके बाद उनकी चोट की समस्या उभर आई, जब सिडनी टेस्ट में उन्हें बीच मैच में ही मैदान से बाहर स्कैन के लिए जाना पड़ा और उसके बाद स्पीड स्टार 4 महीने के लिए मैदान से बाहर रहे और जनवरी के बाद अप्रैल में आईपीएल के दौरान ही मैदान पर लौट सके.
अंतिम टेस्ट का हिस्सा नहीं हैं बुमराह
बुमराह इस सीरीज से पहले तीन मैचों में खेलने की बात पर सहमत हुए थे, सेलेक्शन कमेटी के अध्य्क्ष अजीत अगरकर ने भी इस पर सहमति जताई थी. मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट के बाद जब कोटक से पूछा गया कि क्या बुमराह ओवल में (पांचवें टेस्ट) खेलेंगे, तो उन्होंने कहा, “उन्होंने (बुमराह ने) पिछले मैच में सिर्फ एक इनिंग में गेंदबाजी की है. मुख्य कोच, हमारे फिजियो और कप्तान मिलकर फैसला करेंगे.” मैनचेस्टर में बुमराह ने तीन दिनों में कुल 33 ओवर डाले थे. मैच से पहले शुभमन गिल ने कहा कि पिच काफी हरी दिख रही है, इसलिए बुमराह पर फैसला टेस्ट की सुबह ही लिया जाएगा. इसी बीच लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के लंबे स्पेल फेंकने से तुलना होने लगी, हालांकि स्टोक्स चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए. तब भारतीय टीम प्रबंधन को ओवल टेस्ट के लिए बुमराह पर विचार करना पड़ा और आखिरकार वे टीम का हिस्सा नहीं बने.
बहुत हद तक पॉसिबल है कि बुमराह और भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्टोक्स की हालत से सबक ले लिया हो. हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अब माना जा रहा है कि बीसीसीआई बुमराह की पिक-एंड-चूज नीति पर पुनर्विचार कर सकता है और केवल तभी चयन करेगा जब वह पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध रहेंगे. साथ ही, हर चयन बैठक से पहले उनकी फिटनेस रिपोर्ट अनिवार्य करने की योजना भी है.
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