ड्यूक गेंद में बदलाव करने को तैयार हैं निर्माता, घटिया क्वालिटी की हो रही आलोचना

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी में खिलाड़ियों को ड्यूक गेंद से काफी परेशानी हो रही है. गेंद की क्वालिटी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. गेंद काफी कम ओवर इस्तेमाल के बाद ही खराब हो जा रही है. अब इस गेंद के निर्माताओं ने गेंद में जरूरी बदलाव का मन बनाया है. गेंद में किस तरह का बदलाव किया जाएगा, इसकी समीक्षा हो रही है. तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन कप्तान शुभमन गिल को गेंद की वजह से अंपायर से बहस करते देखा गया.

By AmleshNandan Sinha | July 11, 2025 10:39 PM
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IND vs ENG: भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में ड्यूक गेंद को लेकर खिलाड़ियों की ओर से काफी आलोचना हुई है लेकिन इसके मालिक दिलीप जाजोदिया चाहते हैं कि ‘खेल के सुपरस्टार’ इस विवादास्पद विषय पर थोड़ा और धैर्य दिखाएं. तीसरे टेस्ट के दौरान जाजोदिया ने पीटीआई से कहा कि इंग्लैंड में असामान्य रूप से गर्म मौसम और मौजूदा समय में बल्लेबाजों के आक्रामक खेल को ध्यान में रखते हुए उनकी कंपनी सुधार करने के लिए हमेशा तैयार रहती है. डयूक गेंद 18वीं सदी से इंग्लैंड में इस्तेमाल हो रही है. लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन सुबह के सत्र में दो बार गेंद को बदला गया. महज 10 ओवर के खेल के बाद गेंद को दोबारा बदलने को लेकर भारतीय खिलाड़ियों में रोष दिखा. Duke ball manufacturers are ready to make changes after poor quality criticized

ड्यूक गेंद की समीक्षा में लगी है कंपनी

उन्होंने कहा, ‘विश्व क्रिकेट में केवल तीन मान्यता प्राप्त निर्माता हैं (ड्यूक्स, एसजी और कूकाबुरा). क्रिकेट गेंद बनाना आसान नहीं है. यह अगर आसान होता, तो दुनिया भर में सैकड़ों निर्माता होते.’ जाजोदिया ने कहा, ‘इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को यह समझने की जरूरत है कि हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं हैं. हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. अगर कोई समस्या है तो उसकी समीक्षा की जाएगी और हम उसका हल निकालने की कोशिश करेंगे. चाहे वह चमड़े की खराबी हो या किसी और चीज की. हम इसकी जांच करेंगे. मैं आराम से बैठा सिगार नहीं पी रहा हूं.’

उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी मेरी क्रिकेट गेंद की आलोचना कर सकते हैं. मैं भी खराब शॉट या खराब गेंद के लिए उनकी आलोचना कर सकता हूं. आप जानते हैं मेरा क्या मतलब है? आपको समझदार होना होगा.’ सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के बाद शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने गेंद के इतनी जल्दी नरम होने और आकार बदलने पर निराशा व्यक्त की थी. अपने टेस्ट करियर में 604 में से ज्यादातर विकेट ड्यूक गेंद से लेने वाले इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी तेजी से खराब हो रही गेंद के खिलाफ बात की है. जाजोदिया ने कहा, ‘सुपरस्टार (बड़े खिलाड़ी) बहस कर सकते हैं. मुझे वही बनाना होगा जो वे चाहते हैं. मैं बस इतना ही कह सकता हूं. आलोचना करना बहुत आसान है.’

आधिकारिक रूप में किसी ने दर्ज नहीं कराई शिकायत

जाजोदिया से जब इस गेंद की जल्दी खराब होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इस पर मौसम का बड़ा असर होता है. क्रिकेट खेलने का तरीका और बल्ले का प्रकार बदल रहा है. खिलाड़ी शॉट में ज्यादा ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं. गेंद समय-समय पर बाउंड्री के बाहर कठोर चीजों से टकराती है. ऐसे में भी यह गेंद 80 ओवर तक चलती है और यह एक चमत्कार की तरह है.’ ड्यूक गेंद पर लेकर ईसीबी की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘नहीं, कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है. हम एक टेस्ट सीरीज के बीच में हैं. मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि पिछले मैचों में दो नतीजे आए हैं. इसमें भारत ने एक मैच जीता है. कप्तान गिल ने किसी भी अन्य खिलाड़ी से अधिक रन बनाए हैं. दो गेंदबाजों ने छह विकेट लिए. तो मैं बस यही कह सकता हूं कि असुविधा के लिए मुझे खेद है लेकिन कम से कम आप क्रिकेट तो खेल रहे हैं.’

भारत में ही गेंद को दिया जाएगा अंतिम रूप

कंपनी मेरठ में है, लेकिन उसकी सभी गेंदों को इंग्लैंड में अंतिम रूप दिया जाता है. जाजोदिया ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु की अपनी यात्रा के दौरान भारत में एक कार्यालय पंजीकृत किया है, जिससे यह स्थिति बदलने वाली है. उन्होंने बीसीसीआई अधिकारियों से भी मुलाकात की जो गेंद का परीक्षण कर रहे हैं. अनुभवी प्रशासक बृजेश पटेल ड्यूक्स के भारत संचालन के प्रमुख होंगे. जाजोदिया ने कहा, ‘मैं मेरठ से गेंदें खरीद रहा था और उन्हें यहां (इंग्लैंड) अंतिम रूप दे रहा था, लेकिन अब हम उन्हें भारत में भी अंतिम रूप देंगे. हम अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि अब भारत में समय सही है. मेरा मतलब है, अर्थव्यवस्था, उत्साह, बीसीसीआई क्रिकेट में जो सुविधाएं दे रहा है, बेंगलुरु में जो सुविधा है (वह सब इसके लिए अनुकूल है).’

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