IND vs ENG, Micheal Vaughan: इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि टीम के उभरते सितारे हैरी ब्रूक में स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता है और वह भविष्य में बेन स्टोक्स के उत्तराधिकारी बन सकते हैं. हाल ही में भारत के खिलाफ निर्णायक टेस्ट में ब्रूक ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को संकट से निकालकर जीत की ओर अग्रसर किया, जिसने वॉन समेत कई क्रिकेट विशेषज्ञों को प्रभावित किया है.
बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट में एक नई पहचान बना चुका है, जिसमें आक्रामक रणनीति और आत्मविश्वास झलकता है. ऐसे में वॉन का यह सुझाव कि ब्रूक को अगला कप्तान बनाया जाना चाहिए, इंग्लैंड की भावी रणनीति का संकेत दे सकता है. वॉन ने खासतौर पर यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा उपकप्तान ओली पोप भले ही बेहतरीन सलाहकार हों, लेकिन ब्रूक में कप्तानी की कुदरती क्षमता अधिक नजर आती है.
ब्रूक की शतकीय पारी बनी मिसाल
ब्रूक ने भारत के खिलाफ पांचवें और निर्णायक टेस्ट मैच के चौथे दिन जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, वह काबिल-ए-तारीफ रही. उन्होंने 98 गेंदों पर 111 रनों की तूफानी पारी खेलकर इंग्लैंड को मुश्किल हालात से निकालकर जीत की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाई. इस पारी में उन्होंने न सिर्फ अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि संकट की घड़ी में संयम और आत्मविश्वास भी दिखाया, जो एक सफल कप्तान की पहचान मानी जाती है.
ब्रूक की यह पारी उस समय आई जब इंग्लैंड को तेज रन रेट की जरूरत थी और टॉप ऑर्डर लड़खड़ा चुका था. उन्होंने अपनी आक्रामक शैली को संतुलित बनाए रखते हुए रन बनाए और विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाया. इस प्रदर्शन ने यह भी दिखा दिया कि वह सिर्फ एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत खिलाड़ी हैं जो टीम को संकट में राह दिखा सकते हैं.
IND vs ENG: ब्रूक में है नेतृत्व का गुण
माइकल वॉन ने अपनी कप्तानी के दौर में कई खिलाड़ियों को करीब से देखा है. उन्होंने बताया कि ओली पोप एक शानदार उपकप्तान हैं और कप्तान को रणनीति देने में बहुत अच्छे हैं, लेकिन हर अच्छा उपकप्तान एक अच्छा कप्तान नहीं बनता. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मार्कस ट्रेसकोथिक भी एक बहुत अच्छा उपकप्तान था, लेकिन वह कप्तान बनने के लिए उपयुक्त नहीं था.”
इसी तर्ज पर वॉन मानते हैं कि हैरी ब्रूक में प्राकृतिक नेतृत्व क्षमता है, जो उन्हें एक सच्चा नेता बना सकती है. वॉन के अनुसार अगर भविष्य में स्टोक्स चोटिल होते हैं या संन्यास लेते हैं, और पोप उपकप्तान की भूमिका में नहीं होते, तो ब्रूक को टीम की कमान सौंपनी चाहिए.
ब्रूक की मैदान पर उपस्थिति, मैच की परिस्थितियों को समझने की क्षमता और टीम के लिए लड़ने का जज्बा उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है. वॉन का यह बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि इंग्लैंड टेस्ट टीम के भविष्य की संभावनाओं की ओर इशारा करता है.
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