IND vs ENG: युवा और अनुभव के मिश्रण ने इंग्लैंड पर टीम इंडिया को दिलाई यादगार जीत
IND vs ENG: टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में बुरी तरह हराया. पहला मुकाबला हारने के बाद भारत ने लगातार चार मुकाबले जीते. भारत ने आखिरी मुकाबला पारी को 64 रनों से जीता.
By Agency | March 10, 2024 4:35 PM
IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ जीवंत पिचों पर खेली गई सीरीज में भारत ने घरेलू धरती पर अपनी यादगार जीत दर्ज करके सबसे लंबे प्रारूप में अपनी बादशाहत फिर से साबित की है. भारत के युवा और अनुभव से मिश्रित टीम ने पहला मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी करके इंग्लैंड को पांच मैच की श्रृंखला में 4-1 से हराया. भारत ने इंग्लैंड की आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने की ‘बैजबॉल’ रणनीति पर भी बड़ा सवालिया निशान लगा दिया. भारत की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विराट कोहली और मोहम्मद शमी जैसे सीनियर खिलाड़ी पूरी श्रृंखला के लिए उपलब्ध नहीं थे.
केएल राहुल और रविंद्र जडेजा भी पहले टेस्ट मैच के बाद चोटिल हो गए थे. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने हालांकि धैर्य बनाए रखा और लगातार चार मैच जीते. भारत ने इस श्रृंखला में पांच खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया जिनमें से चार खिलाड़ियों सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाश दीप और देवदत्त पडिक्कल ने दिखाया कि वे शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इन युवा खिलाड़ियों के बीच स्वयं कप्तान रोहित, उप कप्तान जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन ने अच्छा प्रदर्शन करके उदाहरण पेश किया.
युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने खुद को रन मशीन साबित किया जबकि अनुभवी कुलदीप यादव ने अपनी कलाई का जादू बिखेरा. इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत की अगली पीढ़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है. भारत की यह घरेलू धरती पर लगातार 17वीं जीत है जिसे उल्लेखनीय उपलब्धि कहा जा सकता है. भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘सबसे खुशी की बात यह रही कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में अपना दबदबा बनाए रखा और इस बीच कोई श्रृंखला नहीं गंवाई जबकि इस बीच विदेशी खिलाड़ियों को आईपीएल के कारण भारतीय परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव मिला.’
IND vs ENG: जायसवाल ने दो दोहरा शतक जड़ा
जायसवाल इस श्रृंखला में भारत की नई रन मशीन बनकर उभरे. उन्होंने श्रृंखला में 712 रन बनाए और इस तरह से सुनील गावस्कर के बाद किसी एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने. उन्होंने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करके इंग्लैंड के गेंदबाजों को पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस युवा सलामी बल्लेबाज ने इस बीच लगातार दो मैच में दोहरे शतक लगाए. उन्होंने श्रृंखला में 26 छक्के जड़े जिससे पता चलता है कि वह गेंदबाजों पर किस कदर हावी रहे.
अश्विन और जडेजा ने क्रमशः 26 और 19 विकेट लेकर फिर से साबित किया कि घरेलू परिस्थितियों में उनका कोई जवाब नहीं है. इन दोनों को कुलदीप यादव का भी अच्छा साथ मिला जिन्होंने अंतिम चार टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करके टीम में तीसरे नंबर के स्पिनर के तौर पर अपनी जगह मजबूत की. भारत के लिए अच्छी बात यह रही कि जिन खिलाड़ियों को उसने इस श्रृंखला में पदार्पण का मौका दिया, वह अपेक्षाओं पर खरे उतरे. विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और सरफराज खान ने राजकोट में अपने पहले टेस्ट मैच में ही प्रभाव छोड़ा और फिर आगे भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा. तेज गेंदबाज आकाशदीप ने रांची में पहले दिन सुबह के सत्र में इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई जबकि देवदत्त पडिक्कल ने धर्मशाला में 65 रन की पारी खेल कर अपनी बल्लेबाजी शैली का शानदार नमूना पेश किया.