IND vs ENG: फिर से काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे खिलाड़ी, वजह आई सामने

IND vs ENG: इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डेविड लॉरेंस का निधन हो गया है. लीड्स में चल रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने लॉरेंस को श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में काली पट्टियां बांधकर मैदान पर उतरे. बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी और लॉरेंस को श्रद्धांजलि अर्पित की.

By AmleshNandan Sinha | June 22, 2025 6:08 PM
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IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने पूर्व तेज गेंदबाज डेविड लॉरेंस के सम्मान में रविवार को यहां पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन काली पट्टियां बांधी. लॉरेंस का रविवार को 61 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. लॉरेंस ने 1988 से 1992 के बीच इंग्लैंड के लिए पांच टेस्ट (18 विकेट) और एक वनडे (चार विकेट) खेला. लॉरेंस को सिड उपनाम से जाना जाता था. लॉरेंस इंग्लैंड की तरफ से खेलने वाले ब्रिटिश मूल के पहले अश्वेत क्रिकेटर थे. वह पिछले साल से मोटर न्यूरॉन नामक लाइलाज बीमारी (एमएनडी) से जूझ रहे थे. Players again wearing black armbands reason came out

बीसीसीआई ने दी श्रद्धांजलि

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक बयान में कहा, ‘दोनों टीमों के खिलाड़ी इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड ‘सिड’ लॉरेंस को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए काली पट्टी बांधकर खेल रहे हैं. लॉरेंस का रविवार को निधन हो गया था.’ लॉरेंस को 2024 में इस रोग का पता चला, जिसका कोई उपचार नहीं है. यह बीमारी मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं. ग्लूस्टरशर के दिग्गज खिलाड़ी लॉरेंस ने 185 प्रथम श्रेणी मैच में 515 विकेट और 113 लिस्ट ए मैच में 155 विकेट लिए हैं.

1992 में चोट के बाद वापसी नहीं कर पाए लॉरेंस

तेज गेंदबाज लॉरेंस 1992 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंदबाजी करते समय बुरी तरह चोटिल हो गए थे जिसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेल पाए. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने लॉरेंस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह एक ऐसे अग्रणी तेज गेंदबाज हैं जिनके करियर और चरित्र ने इंग्लिश क्रिकेट पर अमिट छाप छोड़ी है. ईसीबी ने कहा, ‘लॉरेंस ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी कच्ची गति, आक्रामकता और एक भयंकर प्रतिस्पर्धी भावना लाई. उनका सबसे अच्छा पल 1991 में आया जब उन्होंने ओवल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 5-106 का आंकड़ा पेश किया.

घरेलू सर्किट में भी मचाया धूम

लॉरेंस ने इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित अपनी आत्मकथा इन सिड्स वॉयस में लिखा, ‘उन तीन शब्दों के साथ मेरा दिल धड़क उठा और फिर ऐसा लगा जैसे मेरा शरीर भी उसके साथ गिर गया.’ क्रिकेट और समुदाय के प्रति उनकी सेवाओं के सम्मान में लॉरेंस को 2025 के किंग्स बर्थडे ऑनर्स में एमबीई नियुक्त किया गया. इस वर्ष के आरंभ में लॉरेंस को ईसीबी के मानद आजीवन उपाध्यक्षों में से एक भी नामित किया गया था. अपने सीमित अंतरराष्ट्रीय करियर के बावजूद लॉरेंस ने घरेलू सर्किट में धूम मचाई और उन्हें अपनी पीढ़ी के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता था.

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