इस बार भारतीय टीम की कमान युवा शुभमन गिल के हाथों में है और टीम का संयोजन भी अपेक्षाकृत नया और अनुभवहीन रहा है. ऐसे में सीरीज से पहले ही टीम से ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं. लेकिन जब पहले ही टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों ने दमदार खेल दिखाया, तो उम्मीद जगी. और दूसरे टेस्ट मैच में तो गिल एंड कंपनी ने कमाल ही कर दिया. भारत ने जीत हासिल की, वो भी एजबेस्टन में, जहां भारत पहले कभी नहीं जीता था. हालांकि, लॉर्ड्स टेस्ट में टीम जीत के दरवाजे तक पहुंचकर केवल 22 रन से मुकाबले को हार गई, जिससे भारत सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया.
इतिहास कहता है, भारत के लिए मुश्किल है वापसी
लॉर्ड्स में मिली हार ने भारत को ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया है, जहां से इतिहास ने अब तक उसे कभी बाहर निकलते नहीं देखा. आंकड़े बताते हैं कि जब भी भारत किसी 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-2 से पिछड़ा है, वह न तो उसे जीत पाया है और न ही ड्रॉ तक करवा पाया है. ईएसपीएन ने इन आंकड़ों को रखते हुए इतिहास को साझा किया.
टेस्ट इतिहास में अब तक सिर्फ तीन बार ऐसा हुआ है जब कोई टीम 5 मैचों की सीरीज में पिछड़ने के बाद वापसी कर पाई हो. 1936 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 1-2 से पिछड़ने के बाद मात दी थी. 1992-93 में वेस्टइंडीज ने 0-1 से पिछड़कर सीरीज अपने नाम की थी और 1998 में इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका को 0-1 से पिछड़ने के बावजूद हराया था.
ओल्ड ट्रैफर्ड में जीत की तलाश
टीम इंडिया के लिए अगला मुकाबला और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है क्योंकि चौथा टेस्ट मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारत आज तक कोई टेस्ट नहीं जीत पाया है. यहां अब तक खेले गए 9 मुकाबलों में भारत को 4 में हार झेलनी पड़ी है, जबकि 5 मैच ड्रॉ रहे हैं. ऐसे में अगर भारत इस बार फिर सीरीज से खाली हाथ लौटता है, तो यह बहुतों के लिए चौंकाने वाली बात नहीं होगी. असल सवाल यह है कि क्या शुभमन गिल की अगुवाई में यह युवा टीम इतिहास को बदलने का माद्दा रख पाएगी?
इन्हें भी पढ़ें:-
‘बहुत तकलीफ होती है जब…’ मैनचेस्टर टेस्ट से पहले बोले मोहम्मद सिराज, इस मोमेंट को बताया दिल तोड़ने वाला
टीम इंडिया के लिए नई मुश्किल! मैनचेस्टर की पिच दिखाएगी खेल और क्या बारिश बनेगी विलेन? जानें दोनों का हाल
‘मुझे आपसे बात नहीं करनी…’ हरभजन सिंह पर भड़की इस क्रिकेटर की बेटी