BCCI News: टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ रहे अभिषेक नायर (Abhishek Nayar) कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में वापस आ गए हैं, जबकि कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूर्व भारतीय बल्लेबाज को इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान टीम के खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम के बल्लेबाजी कोच के पद से हटा दिया गया है. हालांकि अब तक बीसीसीआई (BCCI) ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. बीजीटी में भारत को पर्थ में पहले टेस्ट में जीत के बाद 1-0 की बढ़त गंवाते हुए, विदेशी सीरीज में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था. नायर ने पिछले सीजन में केकेआर के साथ गौतम गंभीर के साथ काम किया था. वह एक बार फिर इस टीम के सहायक कोच बनकर आए हैं. When BCCI showed him the way out Abhishek Nayar became the coach of this IPL team
8 महीने में ही हो गई अभिषेक नायर की छुट्टी
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, नायर को टीम इंडिया के सहायक कोच के पद से महज 8 महीने बाद ही मुक्त कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने अभी तक इस फैसले की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन टीम के सहयोगी स्टाफ के एक प्रमुख सदस्य के साथ मतभेद की जोरदार चर्चा के बीच यह फैसला लिया गया है. बीसीसीआई के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘भारत की हाल की टेस्ट श्रृंखलाओं में हार (न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है लेकिन बीसीसीआई में यह भी महसूस किया जा रहा है कि सहयोगी स्टाफ के एक महत्वपूर्ण सदस्य और एक वरिष्ठ स्टार खिलाड़ी के बीच चल रही खींचतान में नायर बलि का बकरा बन गये.’
सहायक कोच को हटाया जाना कोई अलग घटना नहीं है. फील्डिंग कोच टी दिलीप और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई के भी पद से हटने की उम्मीद है, जिन्होंने अपनी-अपनी भूमिकाओं में तीन साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर लिया है. यह बीसीसीआई की नई लागू की गई एसओपी के साथ मेल खाता है, जो सहायक कर्मचारियों के कार्यकाल को अधिकतम तीन साल तक सीमित करता है. इस बीच, भारत के पहले स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स की वापसी की संभावना है. सौरव गांगुली के नेतृत्व में 2003 विश्व कप के दौरान टीम की फिटनेस व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी को इस भूमिका को फिर से शुरू करने के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.
सभी की नजरें नये कोचिंग स्टॉफ पर
जैसा कि स्थिति है, नायर का जाना एक व्यापक संरचनात्मक बदलाव का हिस्सा प्रतीत होता है. हालांकि, पर्दे के पीछे के तनाव ने उनकी अनौपचारिक विदाई में उतनी ही या उससे भी बड़ी भूमिका निभाई होगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गौतम गंभीर को टीम को आगे ले जाने के लिए किन कोचिंग स्टाफ का साथ मिलता है. उम्मीद है आने वाले दिनों में बीसीसीआई इस पर से पर्दा उठाने का काम करेगी. सभी को उसका इंतजार है.
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