BCCI ने 2021 में हटाए गए एक नियम को फिर से लागू किया. इसी नियम के चलते चेन्नई सुपर किंग्स को धोनी को 4 करोड़ रुपये में अनकैप्ड खिलाड़ी की श्रेणी में बनाए रखने की अनुमति मिली. गावस्कर ने लिखा, “महेंद्र सिंह धोनी को अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बनाए रखने के लिए, इस सीमा को बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दिया गया. यह योग्यता की बजाय सुविधा का उदाहरण है, जो निराशाजनक है.” उन्होंने अनकैप्ड खिलाड़ियों पर बड़ी रकम खर्च करने पर सवाल उठाते हुए कहा, “अक्सर देखा गया है कि भारी कीमत पर खरीदे गए कई खिलाड़ी जल्दी ही गुमनाम हो जाते हैं क्योंकि उनकी भूख और संघर्ष की भावना खत्म हो जाती है. इससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान होता है, चाहे वो खिलाड़ी सफल रहा हो या नहीं.”
गावस्कर ने यह भी कहा कि इन वर्षों में ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जब किसी अनकैप्ड खिलाड़ी ने अपनी भारी कीमत को सही साबित किया हो. अक्सर जब कीमत और दबाव कम हो जाते हैं, तो खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने लगते हैं. उन्होंने BCCI से अपील की है कि इस नियम को वापस लिया जाए और अनकैप्ड खिलाड़ियों की सैलरी पर सीमा तय की जाए, ताकि भारतीय क्रिकेट के दीर्घकालिक हित सुरक्षित रह सकें.
आपको बता दें कि आईपीएल ने इस सीजन के लिए अपने नियम में बदलाव किया. उसने अनकैप्ड प्लेयर को टीम में शामिल करने की सीमा भी बढ़कर 4 करोड़ रुपये कर दी. धोनी को 4 करोड़ रुपये में सीएसके ने रिटेन किया था. हालांकि आईपीएल 2025 में सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी रासिख डार सलाम हैं, जिन्हें आरसीबी ने खरीदा था. जबकि अनकैप्ड प्लेयर के रूप में शशांक सिंह पंजाब किंग्स की ओर से 5.50 करोड़ रुपये में रिटेन किये गए थे.
इनपुट- ऋषिका पोद्दार.
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