IPL 2025 CSK vs SRH: चेन्नई सुपर किंग्सा का सफर आईपीएल 2025 में बेहद निराशाजनक रहा है. उन्होंने 8 मैच खेले हैं, जिसमें 6 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. उनका अगला मुकाबला शुक्रवार, 25 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद से होना है. इस अहम मैच में दोनों ही टीमों में जो हारेगी, उसका प्लेऑफ का सपना समाप्त हो जाएगा, क्योंकि एसआरएच भी 8 मैचों में से 6 में हार चुकी है. ऐसे में इस मैच से पहले सीएसके की कमजोरी और डर ही उसकी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को अपनी बल्लेबाजी लाइन-अप पर इतना भरोसा नहीं है कि वो पारी की शुरुआत से ही आक्रामक अंदाज अपना सकें. टीम को डर है कि अगर शुरुआत में ही तेजी से रन बनाने की कोशिश की गई और विकेट गिर गए, तो स्कोर बहुत कम रह सकता है और मैच गेंदबाजों तक पहुंचे बिना ही हाथ से निकल सकता है.
CSK ने मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ मुकाबले में 145/4 का स्कोर बनाया था. उस समय रवींद्र जडेजा सेट बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर थे. मुंबई ने उन्हें काबू में रखने के लिए बाएं हाथ के स्पिनर को गेंदबाजी पर लगाया. उस ओवर में रन तो आए, लेकिन सिर्फ वाइड की वजह से और हर गेंद पर सिर्फ एक रन. मिशेल सैंटनर आमतौर पर डेथ ओवर्स में गेंदबाजी नहीं करते. इस मैच से पहले उन्होंने अपने पूरे आईपीएल करियर में 17वें से 20वें ओवर के बीच सिर्फ एक ही पूरा ओवर डाला था. लेकिन MI ने उन्हें जान-बूझकर अंत के लिए बचाकर रखा, क्योंकि उनकी गेंदबाजी जडेजा के स्ट्राइक जोन में आती है. कई टीमें जडेजा को रोकने के लिए स्पिन गेंदबाज़ी का सहारा लेती हैं. इस सीजन में उन्होंने स्पिन के खिलाफ 58 गेंदों पर सिर्फ 51 रन बनाए हैं. ये ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों से बना हुआ है. CSK Fear and Weakness in IPL 2025.
कोच फ्लेमिंग जताई सुधार की आशंका
जडेजा तेज गेंदबाजी के खिलाफ जरूर अच्छे हो गए हैं, लेकिन स्पिन के खिलाफ अभी भी परेशानी झेलते हैं. CSK के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा, “हमारे नजरिए से अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है और हम इसे एक मौके के रूप में देख रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम जानते हैं कि अतीत में जडेजा ने कुछ मैचों में अच्छा किया है, लेकिन उन्हें लंबा मौका नहीं मिला. ये ज्यादा उनके अप्रोच की बात है.”
आईपीएल 2025 में जडेजा ने स्पिन के खिलाफ सिर्फ दो चौके लगाए हैं. कई बार ऐसा भी लगता है कि वह कोशिश ही नहीं कर रहे. यही कारण है कि टीमें उन्हें अंतिम ओवरों में भी स्पिन ही कराती हैं. कोच फ्लेमिंग इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम इस समय बहुत सी चीजें आजमा रहे हैं ताकि टीम को हर मैच जिताने के साथ-साथ भविष्य में भी मजबूती दी जा सके. हमें लगता है कि कुछ ऐसे पहलू हैं, जहां खिलाड़ी अतीत में असफल रहे हैं और अब हम उनके दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.”
सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ मैच से पहले जडेजा ने लगभग 30 मिनट की प्रैक्टिस की, जिसमें उन्होंने दो लेग स्पिनरों और एक थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट का सामना किया. इस दौरान उन्होंने कदमों का इस्तेमाल करते हुए स्लॉग स्वीप खेलने की कोशिश की. हालांकि, नतीजे मिले-जुले रहे. जडेजा अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जो स्पिन के खिलाफ जूझ रहे हैं.
शिवम दुबे पर पड़ रहा दबाव
पिछले 10 वर्षों के आंकड़े देखें तो हर सीजन के पहले आठ मैचों में CSK की औसत (18.84) और स्ट्राइक रेट (110) स्पिन के खिलाफ निचले पांच टीमों में शामिल रही है. फ्लेमिंग ने कहा, “हमें जरूरत है कि टॉप ऑर्डर से अच्छी शुरुआत मिले ताकि बाकी बल्लेबाज अपनी-अपनी भूमिका सही ढंग से निभा सकें और अपनी ताकतों का फायदा उठा सकें. शिवम दूबे इस समय कई भूमिकाएं निभा रहे हैं, वह पारी को संभाल भी रहे हैं और खत्म भी कर रहे हैं. जबकि अतीत में वह एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो मिडल ओवर्स में आकर मैच का रुख बदल देते थे. जरूरत के मुताबिक उनकी भूमिका में बदलाव हुआ है.”
अतीत में CSK ऐसी टीम रही है जो अपनी कमजोरियों को छिपाने में माहिर थी. यही वजह थी कि जडेजा निचले क्रम में बल्लेबाजी करते थे, इसका कारण ये नहीं था कि वह फिनिशर थे. बल्कि इसलिए क्योंकि 7 या 8 नंबर पर उन्हें ज्यादातर तेज गेंदबाजों का सामना करना पड़ता था, जिसे वह बेहतर तरीके से खेल सकते थे. लेकिन अब जब टॉप ऑर्डर फॉर्म में नहीं है और मिडिल ऑर्डर भी नाकाम रहा है, तो टीम कमजोर और असहाय नजर आने लगी है.
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