Home Badi Khabar IPL 2022: ‘किलर’ से योगी बने डेविड मिलर, बल्ले से कोहराम मचाने के बाद दिया शांति का संदेश

IPL 2022: ‘किलर’ से योगी बने डेविड मिलर, बल्ले से कोहराम मचाने के बाद दिया शांति का संदेश

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IPL 2022: ‘किलर’ से योगी बने डेविड मिलर, बल्ले से कोहराम मचाने के बाद दिया शांति का संदेश
Pune: David Miller of Gujarat Titans plays a shot during the Indian Premier League 2022 cricket match between Gujarat Titans and Chennai Super Kings, at the MCA International Stadium, in Pune, Sunday, April 17, 2022. (Sportzpics/PTI Photo)(PTI04_17_2022_000228B)

आईपीएल 2022 (IPL 2022) के 29वें मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मुकाबले में डेविड मिलर (David Miller) ने तूफानी पारी खेली. जिसमें उन्होंने 51 गेंदों में 8 चौके और 6 छक्कों की मदद से 94 रन बनाकर गुजरात टाइटंस को जीत दिला दिया. ‘किलर’ मिलर बल्ले से कोहराम मचाने के बाद अब योगी बन गये हैं. उन्होंने शांत मुद्रा में अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की और शांति का पाठ भी पढ़ाया.

किलर से योगी बने मिलर

डेविड मिलर ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 94 रनों की नाबाद पारी खेलने के बाद ट्विटर पर शांति का पाठ पढ़ा रहे हैं. मिलर ने अपनी तस्वीर शेयर की, जिसमें वो दो अंखें बंद कर लिया है और दोनों हाथ को क्रॉस कर क्षमा की मुद्रा में बैठ गये हैं. मिलर ने तस्वी के साथ कैप्शन में लिखा, शांति बनाये रखें और खेल जारी रखें.

मिलर ने चेन्नई से जीता हुआ मैच जीत लिया

डेविड मिलर ने चेन्नई से जीता हुआ मैच छीन लिया. चेन्नई ने गुजरात के सामने जीत के लिए 170 रन का लक्ष्य रखा था. जिसके जवाब में गुजरात की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 87 रन पर टीम ने अपना पांच विकेट खो दिया. उसके बाद मिलर बल्लेबाजी के आये. राशिद खान के साथ मिलकर उन्होंने 70 रनों की विस्फोटक साझेदारी निभायी और गुजरात को जीत दिला दिया.

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टीम से पूरा समर्थन मिलना और हर मैच को खेलना अच्छा है: मिलर

गुजरात टाइटंस को जीत दिलाने के बाद डेविड मिलर ने कहा, टीम से मिल रहे समर्थन से वो अभिभूत हैं. दक्षिण अफ्रीका के इस आक्रामक बल्लेबाज ने लंबे समय के बाद आईपीएल में यादगार पारी खेली. मैच के बाद उन्होंने कहा, पिछले तीन-चार साल से मैं अच्छा क्रिकेट खेल रहा हूं और सकारात्मक महसूस कर रहा हूं. मैं दक्षिण अफ्रीका और विदेशों में लगातार रन बना रहा हूं लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों में आईपीएल में उतने मौके नहीं मिले जितने मैं चाहता था. इस टूर्नामेंट का प्रारूप ऐसा है कि अंतिम एकादश में सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ी हो सकते है और उन चार के अलावा दूसरे विदेशी खिलाड़ियों को बाहर बैठना होता है. किंग्स इलेवन और राजस्थान की टीमों के साथ मैं अंतिम एकादश से अंदर-बाहर होता रहता था.

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