IPL 2025 Final: मंगलवार को केवल इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का फाइनल मुकाबला ही नहीं खेला गया, बल्कि भावुकता का जनसैलाब उमड़ पड़ा. अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम एक ऐसी चीज का गवाह बना, जो शायद भारत का कोई भी स्टेडियम न बना होगा. टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली मैच के दौरान ही मैदान पर रोते हुए नजर आए. यह किसी दुख के आंसू नहीं थे, बल्कि खुशी के आंसू थे. पंजाब के किंग्स के खिलाफ मुकाबले में आखिरी ओवर में जहां शशांक सिंह चौके और छक्के जड़ रहे थे, वहीं मैदान पर मौजूद कोहली रो रहे थे, क्योंकि उनकी टीम ने पहली बार आईपीएल का खिताब अपने नाम कर लिया था. यह 18 साल में पहली बार है जब आरसीबी ने आईपीएल ट्रॉफी उठाई है.
कोहली के समर्थन में पूरे दर्शक हो गए खड़े
कोहली को भावुक होता देख पूरा स्टेडियम भावुक हो गया. सभी दर्शक स्टेडियम में खड़े होकर कोहली के नाम का जयकारा लगा रहे थे. एक कोहली थे जो भावना में बहे जा रहे थे. जैसे ही आरसीबी ने 6 रन से उस मुकाबले को जीता क्रिकेट का यह किंग अपने सिर को धरती पर टिका दिया और खुद घुटने के बल बैठ गया. किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक महान बल्लेबाज इस उपलब्धि पर ऐसे बच्चों के समान सिसकता दिखेगा. कोहली की इस खुशी और आंसू की गवाह बनी नरेंद्र मोदी स्टेडियम.
आखिरी ओवर को रोमांच
रात 11 बजकर 20 मिनट : पसीने से सराबोर विराट कोहली थोड़े अधीर दिखते हैं. आखिर हो भी क्यों नहीं, उनका और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का पहला आईपीएल खिताब बस एक ओवर दूर था. 11 बजकर 25 मिनट : जोश हेजलवुड ने 20वें ओवर में आरसीबी की जीत सुनिश्चित कर दी. कोहली की आंखें भर आई और आंसू कपालों पर आ गिरे. अपना चेहरा उन्होंने हथेली में छिपा लिया. आरसीबी के खिलाड़ी उन्हें घेरकर कूदने लगे. आखिर 18 नंबर की जर्सी का 18 साल का इंतजार खत्म हुआ.
आरसीबी के लिए सबसे भावनात्मक पल
एक महान खिलाड़ी और उस पर अटूट भरोसा करने वाली एक टीम के लिये यह सबसे भावनात्मक पल था. पिछले 18 साल की नाकामियां और निराशा इस पल में पीछे छूट गई. एकमात्र खिताब जो इस पीढी के महानतम क्रिकेटर की झोली में अभी तक नहीं गिरा था, आखिरकार उसे मिला. कोहली और आरसीबी का सफर तभी शुरू हुआ जब आईपीएल ने क्रिकेट की दुनिया में पहला कदम रखा था. अठारह साल पहले बेचैन और युवा कोहली पश्चिम दिल्ली का वह गोल मटोल सा लड़का था जो जीत का जुनून लेकर उतरा था.
उस समय आरसीबी के ड्रेसिंग रूम में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और जैक कैलिस हुआ करते थे. आरसीबी ने कोहली पर भरोसा किया और उसके पूर्व मालिक विजय माल्या ने कोहली को अपने अंदाज में खेलने की छूट दी. फिर 2011 में कोहली आरसीबी के कप्तान बने. बाईस साल की उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी और इतना दबाव से भरा माहौल भी उन्हें विचलित नहीं कर सका. बारह साल और 143 मैचों तक कमान संभालने वाले कोहली डटे रहे. बेंगलुरु के क्रिकेटप्रेमियों से उनका दिल का रिश्ता गहरा होता गया. यह कोहली का करिश्मा ही था कि बेंगलुरु का हर क्रिकेटप्रेमी आरसीबी का वफादार प्रशंसक बन गया.
महेंद्र सिंह धोनी जब चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने तब विश्व कप विजेता भारत के कप्तान बन चुके थे लेकिन कोहली और आरसीबी का रिश्ता धीरे धीरे गहरा होता गया. चेन्नई ने पांच बार आईपीएल जीता और रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस ने भी. सनराइजर्स हैदराबाद और डेक्कन चार्जर्स ने भी खिताब जीते. कोहली ने लेकिन कभी आरसीबी से नाता तोड़ने की नहीं सोची. दर्शकों का प्यार उनकी प्रेरणा रहा और जुनून भी. एक सपना हमेशा उनकी आंखों में पलता रहा, आरसीबी के लिये आईपीएल जीतने का. इस दशक के क्रिकेट के सबसे बड़े ‘शो मैन’ को आखिरकार आईपीएल का ताज मिला. क्रिकेट के अनगिनत रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके कोहली के साथ ही दुनिया भर के आरसीबी प्रशंसक इस पल को शायद ही कभी भुला सकेंगे.
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