पूरे दो ओवर का रोमांच शुरू हुआ जब 19वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार को उन्होंने पहले ही गेंद पर छक्का लगाया, फिर एक चौका और दो रन लेकर ओवर में कुल 13 रन बटोरे. अब आखिरी ओवर में 29 की जरूरत थी. जोश हेजलवुड गेंदबाजी करने आए और ड्रामा वहीं से शुरू हुआ, लेकिन शशांक 22 रन ही बना सके. उन 12 गेंदों का थ्रिल ऐसा रहा-
18.1: भुवनेश्वर कुमार की पहली गेंद ऑफ स्टंप के आसपास लो फुल-टॉस थी, जिसे शशांक सिंह ने लॉन्ग-ऑन के ऊपर से जोरदार छक्का जड़कर पंजाब को शानदार शुरुआत दिलाई.
18.2: अगली गेंद बेहतरीन यॉर्कर रही, शशांक ने कवर की ओर खेला लेकिन रन नहीं ले सके, डॉट बॉल.
18.3: एक और फुल लेंथ गेंद, लॉन्ग-ऑफ की ओर खेला गया लेकिन रन की कोशिश में उन्हें वापस लौटना पड़ा, फिर डॉट बॉल.
18.4: ऑफ के बाहर लो फुल-टॉस को शशांक ने लैप किया, गेंद फाइन लेग की ओर गई और क्रुणाल पंड्या की डाइव चूक गई और चौका मिला.
18.5: मिडिल पर लो फुल-टॉस को शशांक ने फ्लिक किया, हेज़लवुड से फील्डिंग में चूक हुई और 2 रन मिले.
18.6: ऑफ स्टंप पर यॉर्कर लेंथ की गेंद को शशांक ने विकेटकीपर के पास से निकालकर 1 रन चुराया.
इस ओवर में कुल 13 रन बने और स्कोर हुआ PBKS 162/7, अब चाहिए थे 29 रन 6 गेंदों में. अब आरसीबी की जीत करीब थी, लेकिन आखिरी ओवर में पंजाब ने सबको रोमांच से भर दिया. गेंदबाजी करने आए जोश हेजलवुड.
19.1: पहली गेंद हिप्स पर लो फुल-टॉस रही, शशांक ने स्वाइप किया लेकिन चूक गए और कोई रन नहीं मिला.
19.2: ऑफ स्टंप के बाहर फुल लेंथ डिलीवरी को शशांक ने लॉन्ग-ऑफ पर खेला लेकिन रन नहीं बना, एक और डॉट गेंद आई और यही भारी पड़ गई.
19.3: मिडिल पर लो फुल-टॉस को शशांक ने डीप मिडविकेट के ऊपर से छक्का मारा और सब की धड़कने बढ़ गईं.
19.4: स्टंप्स पर हार्ड लेंथ गेंद को पुल किया, टॉप-एज लगकर गेंद फाइन लेग की ओर गई चौका और मौका समाप्त हो गया.
19.5: धीमी ऑफ-कटर को शशांक ने मिडविकेट के ऊपर से भेजा एक और छक्का, लेकिन अब यह व्यर्थ था.
19.6: आखिरी गेंद हाफ वॉली थी, शशांक ने डीप एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से मारा फिर छक्का, लेकिन जीत के लिए काफी नहीं.
शशांक को अपनी टीम को जीत ने दिला पाने का गम साफ दिख रहा था. अगर उनके साथ टीम का कोई भी साथी टिका होता तो ये नतीजे उलटे रहते. खैर, विराट कोहली के आंसू तो सबको दिखे, लेकिन शशांक ने अपने आंसुओं को हाथ से छुपाया, जो शायद फिर कभी खुशी में बदलें.
18 साल बाद RCB बन ही गई चैंपियन
आखिरी गेंद बाउंड्री के पार गई, लेकिन पंजाब किंग्स के लिए बेमतलब साबित हुई, पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया. विराट कोहली, जिनका सपना 18 साल से अधूरा था, जमीन पर गिरकर रोते नजर आए. उनके आंसुओं में वो सारे साल बहते दिखे जब RCB जीत के करीब आकर हार जाती थी. अहमदाबाद में कैमरे सिर्फ दो चेहरों पर टिके थे कोहली और उनके पुराने साथी एबी डिविलियर्स पर. एक ने करियर बिना खिताब के खत्म किया, तो दूसरे ने अपने 18वें साल में, अपनी जर्सी के 18 नंबर के साथ, यह सपना पूरा किया.
यह सिर्फ जीत नहीं थी यह एक अभिशाप का अंत था, एक समर्पण की जीत थी, एक प्रतीक्षा का उत्सव था. बेल्लारी से लेकर बेंगलुरु और कश्मीर से कन्याकुमारी तक, पूरे भारत में हर दिल अब कह सकता है आरसीबी आखिरकार आईपीएल चैंपियन है.
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