मैच के बाद रहाणे ने कहा, “मुझे लगा 199 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता था. हमने गेंद के साथ वापसी की और उन्हें 200 के नीचे रोक दिया. लेकिन जब आप 199 का पीछा कर रहे हों तो एक अच्छी शुरुआत की उम्मीद होती है, वहीं हम इस पूरे टूर्नामेंट में संघर्ष कर रहे हैं. मुझे लगता है हमने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन बल्लेबाजी में चूक हुई. हमें जल्दी सीखना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा.”
उन्होंने आगे कहा, “विकेट थोड़ी धीमी जरूर थी, लेकिन हमने सोचा अगर उन्हें 200 के नीचे रोक लिया तो अच्छा रहेगा. हमें इन परिस्थितियों की अच्छी समझ है. हमें मिडिल ओवर्स में अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी, वहीं हम पिछड़ रहे हैं. जब आप बड़ा स्कोर चेज कर रहे हों, तो ओपनर्स से अच्छी शुरुआत चाहिए. यही चीज हमें एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में सुधारनी होगी. गेंदबाजों से कोई शिकायत नहीं है. फील्डिंग ऐसा पहलू है जिसे हम टीम के रूप में कंट्रोल कर सकते हैं. अगर आप फील्डिंग से 10-15 रन बचा लें, तो वो हमेशा फायदेमंद होता है.”
रहाणे ने आगे कहा, “आपको हर वक्त अलर्ट रहना होता है, वहीं हम चूक रहे हैं. यह फॉर्मेट बहादुरी मांगता है. आपको गलतियों से सीखना होता है. एक बल्लेबाज़ी इकाई के तौर पर आपको साहसी बनना होगा और पॉजिटिव माइंडसेट रखना होगा. ये समय की बात है, हमारे पास मिडिल ऑर्डर में क्वालिटी बल्लेबाज़ हैं और मैं उन पर पूरा भरोसा करता हूं. अंगकृष रघुवंशी ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की है. आज हमने रनरेट बढ़ाने के लिए बाकी बल्लेबाजों को प्रमोट किया.”
वहीं मैच की बात करें, तो टॉस जीतने के बाद कोलकाता ने गेंद के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हुए गुजरात को 198/3 के स्कोर पर रोक दिया, जो कि बल्लेबाजों के लिए मददगार पिच मानी जाती है. गुजरात की कप्तानी कर रहे शुभमन गिल ने 90 रन (55 गेंद) की शानदार पारी खेली. इसके जवाब में कोलकाता की शुरुआत खराब रही और पावरप्ले में ही उन्होंने बाजी गंवा दी. पहले ओवर में मोहम्मद सिराज ने एक बेहतरीन गेंद पर रहमनुल्लाह गुरबाज को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. इसके बाद सुनील नरेन और रहाणे ने 41 रनों की साझेदारी की, लेकिन राशिद खान ने अपनी स्पिन का जादू दिखाते हुए नरेन को चलता कर दिया और गुजरात ने वहां से अपनी पकड़ मजबूत कर ली.
इसके बाद रहाणे अकेले रह गए. उन्होंने कप्तानी करते हुए टीम को संभालने की कोशिश की और अर्धशतक भी लगाया, लेकिन टीम में कई कमजोर कड़ियाँ थीं जिन्हें वह अकेले नहीं जोड़ सके. बतौर डिफेंडिंग चैंपियन, उन पर काफी जिम्मेदारी थी, लेकिन अंत में वह दवाब में आ गए. रहाणे के डिप्टी, वेंकटेश अय्यर, अपने भारी कीमत वाले टैग के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए और 14(19) के स्कोर पर आउट हो गए. वहीं अनुभवी खिलाड़ी आंद्रे रसेल और रिंकू सिंह भी फॉर्म से जूझते दिखे और दबाव में टूट गए. अंत में केकेआर की पूरी टीम 8 विकेट पर 159 रन ही बना सकी.
कोलकाता अब अंकतालिका में सातवें स्थान पर खिसक गया है, उनके आठ मैचों में सिर्फ चार अंक हैं. डिफेंडिंग चैंपियंस को अब अपने अगले मुकाबले में पंजाब किंग्स के खिलाफ जीत की राह पर लौटना होगा, जो शनिवार को खेला जाएगा.
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