धोनी इस मैच में केवल एक फिनिशर नहीं थे, वे इतिहास रचने वाले खिलाड़ी भी बने. उन्होंने आईपीएल में 200 विकेटकीपिंग डिसमिसल्स का आंकड़ा छूने वाले पहले खिलाड़ी बनकर एक अनोखा कीर्तिमान अपने नाम किया. यह उपलब्धि उन्होंने आयुष बडोनी को स्टंप आउट करते हुए हासिल की. इसके बाद उन्होंने 200 का आंकड़ा भी पार कर लिया, जब विकेट के पीछे ऋषभ पंत का कैच लपकते हुए 201वां विकेटकीपिंग डिसमिसल किया. इस तरह धोनी 155 कैच और 46 स्टंपिंग कर आईपीएल में विकेट के पीछे सबसे ज्यादा शिकार करने वाले खिलाड़ी बन गए.
6 साल बाद बने प्लेयर ऑफ द मैच, सबसे उम्रदराज
इसके अलावा, धोनी ने 43 साल 282 दिन की उम्र में आईपीएल इतिहास के सबसे उम्रदराज ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनने का गौरव भी प्राप्त किया, इस सूची में उन्होंने प्रवीण तांबे और शेन वॉर्न जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ा. 2019 के बाद यह धोनी का पहला प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड था. इसके साथ ही उन्होंने विराट कोहली और डेविड वॉर्नर की बराबरी करते हुए आईपीएल इतिहास में 18 बार प्लेयर ऑफ द मैच बनने का रिकॉर्ड भी साझा कर लिया. धोनी का यह रूप न सिर्फ प्रशंसकों के लिए खास था, बल्कि टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणादायक था.
हार से जीत तक का सफर
चेन्नई सुपर किंग्स इस मुकाबले में पांच लगातार हार के बाद उतरी थी. टीम मानसिक रूप से दबाव में थी, लेकिन धोनी की शांत सोच और रणनीतिक अनुभव ने टीम को नई ऊर्जा दी. लखनऊ द्वारा दिए गए 167 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई ने शुरुआती झटकों के बावजूद वापसी की. 115/5 की स्थिति में जब लगा कि चेन्नई एक और हार की ओर बढ़ रही है, तब मैदान पर आए धोनी ने शिवम दुबे के साथ मिलकर मोर्चा संभाला.
दोनों ने 5वें विकेट के लिए 57 रनों की नाबाद साझेदारी की और आखिरी ओवर में टीम को जीत दिलाई. दुबे ने जहां 43 गेंदों पर नाबाद 43 रन बनाए, वहीं धोनी ने 11 गेंदों में 4 चौके और 1 छक्के की मदद से तूफानी 26 रन बनाकर टीम को 5 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई.
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