IPL 2025, Rahul Dravid opinion on Impact Player Rule: आईपीएल में कई ऐसे नियम हैं, जो बाकी दुनिया के क्रिकेट में नहीं हैं. विशेषकर आईसीसी के रूल बुक में तो बिल्कुल नहीं है. ऐसा ही नियम है इंपैक्ट प्लेयर का. इंपैक्ट प्लेयर अपनी विशेष खूबी के साथ मैदान पर आता है और ताबड़तोड़ रन बरसाकर या विकेट झटक कर चला जाता है. आईपीएल 2025 में इस बार भी कई खिलाड़ियों ने इसी नियम के तहत मैदान पर शानदार खेल दिखाया है. खासकर शुरुआत में विग्नेश पुथुर जैसे गेंदबाजों ने अलग ही असर दिखाया, हालांकि उनके साथ ही रोहित शर्मा भी इसी लिस्ट में शामिल हो गए, जब उन्हें केकेआर के खिलाफ यह जिम्मेदारी मिली. तमाम दिग्गजो की राय इस पर आई, अब भारत के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने भी अपनी राय रखी है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और मौजूदा राजस्थान रॉयल्स हेड कोच राहुल द्रविड़ ने माना कि इस नियम ने टूर्नामेंट में रोमांच तो बढ़ाया है, लेकिन राष्ट्रीय टीम के नजरिए से यह कुछ मुश्किलें भी खड़ी करता है. स्पोर्टस्टार को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में द्रविड़ ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो जब मैं टीम इंडिया का कोच था, तब मुझे इम्पैक्ट प्लेयर रूल ज्यादा पसंद नहीं था. ऐसा नहीं है कि यह नियम खेल को रोमांचक नहीं बनाता, यह निश्चित रूप से बनाता है. इससे मुकाबला आखिरी ओवर तक जिंदा रहता है, लेकिन टीम इंडिया के नजरिए से कुछ चुनौतियां सामने आती हैं.”
ऑलराउंडर्स की ग्रोथ पर असर
2023 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में ट्रायल के बाद आईपीएल में लागू किए गए इस नियम के तहत, टीम मैच के दौरान किसी भी वक्त अपने प्लेइंग इलेवन में से एक खिलाड़ी को बदल सकती है. हालांकि इससे मनोरंजन बढ़ा है, लेकिन खिलाड़ियों की ग्रोथ पर असर भी पड़ा है. द्रविड़ ने कहा, “एक कोच के तौर पर आप चाहते हैं कि ऑलराउंडर्स विकसित हों. पुराने 11 बनाम 11 के फॉर्मेट में ऐसे खिलाड़ियों को अलग-अलग हालात में खेलने का ज्यादा मौका मिलता था, लेकिन अब यह संतुलन थोड़ा बिगड़ा है.”
बढ़ी है स्कोरिंग रेट और टीम रणनीति में बड़ा बदलाव
राहुल द्रविड़ ने यह भी बताया कि इस नियम की वजह से स्कोरिंग रेट में भी जबरदस्त उछाल आया है. उन्होंने आगे कहा, “टीमें अब एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के साथ उतरती हैं, जिससे नंबर 8 या 9 तक हिटर उपलब्ध होते हैं. इसका मतलब है कि 6-7 विकेट गिरने के बाद भी टीम मैच में बनी रहती है.” द्रविड़ ने माना कि इस नियम ने टीम रणनीति को भी नया आयाम दिया है. उन्होंने कहा, “अब टीमों को सही ऑलराउंडर न मिलने पर भी बैलेंस बनाए रखने का विकल्प मिल गया है. रणनीति, टीम चयन और प्लानिंग अब पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो गई है.” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस नियम के कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं. “इससे हर मैच प्रतिस्पर्धात्मक रहता है और एक अतिरिक्त भारतीय खिलाड़ी को खेलने का मौका मिलता है, जो कि एक बड़ी बात है. जैसे नीलामी और बाकी नियमों के साथ होता है, इसमें भी फायदे और नुकसान दोनों हैं.”
संजय मांजरेकर की टॉप 10 बैट्समैन लिस्ट में कोहली नहीं, फैंस ने सुनाई खरी खोटी, देखें किनको मिली जगह
M C Mary Kom: 20 साल बाद तलाक की राह पर मैरी कॉम! सामने आई ये बड़ी वजह
अजूबा! एक ही गेंद पर छक्का लगा और विकेट भी गिरा, धोनी की CSK टीम में ये भी हो गया