मैच के बाद वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, “वैभव के इस उपलब्धि से हम लोग बहुत खुश हैं. सिर्फ हमारा परिवार ही नहीं, पूरा इलाका, जिला, बिहार और देश उसकी शानदार बल्लेबाजी पर जश्न मना रहा है.” उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “पिछले 3-4 महीने से राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को अपने पास रखकर बेहतरीन प्रैक्टिस कराई. राहुल द्रविड़ सर, विक्रम राठौड़ सर, जुलिन भरूचा सर, साईराज बहुतुले सर और रूमी सर ने मिलकर वैभव के खेल को निखारा. उसकी मेहनत और टीम की सपोर्ट का ही नतीजा है कि वह आज इतना अच्छा खेल पाया है.”
वैभव के पिता ने बिहार क्रिकेट संघ (BCA) के अध्यक्ष का भी आभार जताया. उन्होंने कहा, “हम सह परिवार BCA अध्यक्ष राजेश तिवारी सर का भी दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं, जिन्होंने इतनी कम उम्र में वैभव को बिहार से खेलने का मौका दिया. वैभव ने उस मौके का भरपूर फायदा उठाया और आज इस मुकाम तक पहुंचा है.” शानदार शतक जड़ने वाले वैभव ने भी अपने माता-पिता के संघर्ष को इस इंटरव्यू में याद किया. 35 गेंदों पर IPL शतक जड़कर सुर्खियां बटोरने वाले वैभव सूर्यवंशी ने अपने संघर्षों की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उनकी मां सिर्फ 3 घंटे सोती थीं और पिता ने उनका क्रिकेट सपना पूरा करने के लिए अपना काम छोड़ दिया था. परिवार ने कठिन परिस्थितियों में घर चलाया, लेकिन वैभव के क्रिकेटर बनने के सपने को जिंदा रखा.
वैभव ने रॉजस्थान रॉयल्स के साथ अपने सफर को किया साझा
वैभव की यह पारी सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि उस संघर्ष और समर्पण की कहानी है जो हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा बन सकती है. मैच के बाद वैभव ने IPL T20 से बात करते हुए अपनी ऐतिहासिक पारी के बारे में बात की. उन्होंने कहा- बहुत दिन से इस पारी की तैयारी कर रहा था. और आज रिजल्ट मिला तो अच्छा लगा, आगे और अच्छा करने की कोशिश करूंगा. टीम के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहता हूं. वैभव ने इस इंटरव्यू के दौरान राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल्स की कहानी भी बताई. उन्होंने कहा- जब मैं जब ट्रायल (राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल) में गया था तो वहां विक्रम (राठौड़) सर और रोमी (भिंडर) सर थे. रोमी सर टीम के मैनेजर हैं. मैंने तब ट्रायल में अच्छी बल्लेबाजी की थी. तब उन्होंने बोला था कि हम तुम्हे अपनी टीम में लेने का ट्राय करेंगे. मैं जब टीम में आया तो सबसे पहले उनका कॉल आया था. उन्होंने मुझे बधाई दी थी और फिर उन्होंने राहुल (द्रविड़) सर से बात करवाई थी. काफी अच्छी फीलिंग थी. क्योंकि राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग करना, काम करना… खेलना, एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं है.
वैभव ने इसी इंटरव्यू में आगे कहा- मुझे सीनियर्स से काफी सपोर्ट मिलता है. कोचिंग स्टाफ से भी मदद मिलती है. संजू भइया, रियान भइया, यशस्वी भइया, नीतीश भइया भी मदद को तैयार रहते हैं. ये सभी मुझसे पॉजिटिव बातें करते हैं. मुझे ये लोग कॉन्फिडेंस देते हैं कि तू कर सकता है, तू टीम को जिता सकता है, इस वजह से मेरा कॉन्फिडेंस काफी हाई रहता है. थोड़ा सा तो नर्वस रहता हूं क्योंकि आईपीएल का मैच है. लेकिन ऐसा कोई प्रेशर नहीं रहता है कि क्या होगा, क्या होगा? वो सब इन सभी से बात करके नॉर्मल हो जाता है.
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