Piyush Chawla on Spinners in IPL 2025: आईपीएल 2025 में स्पिन गेंदबाजों का प्रभाव पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक देखने को मिल रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, इस सीजन के 50 मैचों के बाद स्पिनर्स ने 30.02 की औसत से 220 विकेट लिए हैं, जबकि पिछले साल इसी चरण तक उन्होंने 37 के औसत से केवल 154 विकेट ही चटकाए थे. इस उल्लेखनीय बदलाव के पीछे पिचों की स्थिति और मौसमी बदलावों की अहम भूमिका मानी जा रही है. अनुभवी स्पिनर पीयूष चावला का मानना है कि भारत में पड़ रही तेज गर्मी ने पिचों को सूखा बना दिया है जिससे स्पिनरों को स्वाभाविक मदद मिल रही है.
पीयूष 192 विकेटों के साथ आईपीएल इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में तीसरे स्थान पर हैं. उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइंफो के शो पर बात करते हुए कहा, कोई भी गेंदबाज सूखी गेंद से गेंदबाजी करना चाहता है. और आप वास्तव में यह अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि यह कहां होने वाला है (ओस या अन्यथा) और कहां नहीं होने वाला है.” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आप इस साल के मौसम को भी देखें, तो आम तौर पर… मैं दिल्ली से आ रहा हूँ, और फरवरी में आपके पास पंखे नहीं होते; लेकिन इस साल, आपके पास फरवरी में पंखे थे. इसका मतलब है कि यह गर्म हो रहा है और दिल्ली पहले से ही लगभग 45 डिग्री (सेल्सियस) को छू रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए सभी जगह जहाँ गर्मी है, पिचें सूखी हैं. चाहे आप इसे कितना भी घुमाएँ, कितना भी पानी डालें, अंततः यह सूख जाती है, और इससे स्पिनरों को मदद मिलती है.”
स्पिनर्स बल्लेबाजों का अध्ययन बेहतर कर रहे हैं
हालांकि चावला ने इस सफलता को केवल परिस्थितियों तक सीमित नहीं रखा. उन्होंने कहा कि स्पिनर्स ने मैदान के बाहर भी खूब मेहनत की है. वे बल्लेबाजों की तकनीक और आदतों का अध्ययन कर रहे हैं, अपनी गेंदबाजी की लंबाई पर काम कर रहे हैं और बहुत फुल गेंदबाजी करने से बच रहे हैं क्योंकि आज के बल्लेबाज पैरों का इस्तेमाल कम करते हैं. चावला ने यह भी बताया कि कई बल्लेबाज जब कुछ ओवरों तक बाउंड्री नहीं निकाल पाते हैं, तो वे गलत टाइमिंग के साथ जोखिम भरे शॉट खेलते हैं और विकेट गंवा बैठते हैं.
आंकड़ों में स्पिनर्स की सफलता
इस सीजन के मध्य ओवरों में स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला रहा है. उन्होंने अब तक इस चरण में 171 विकेट चटकाए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 44 अधिक हैं, और उन्होंने 61% से अधिक ओवर गेंदबाजी की है. इसके विपरीत, तेज गेंदबाजों ने इसी चरण में केवल 106 विकेट लिए हैं, जबकि पिछले साल 138 विकेट लिए थे.
चावला ने बल्लेबाजों के दृष्टिकोण की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज जो गेंद तक पहुंच सकते हैं, वे अपवाद हैं. बाकी अधिकांश बल्लेबाजों के पास पीछे से खेलने की वह ताकत नहीं होती. चावला ने स्पिनर्स की रणनीति में आए बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा, “स्पिनर जिस तरह से अपनी लंबाई (पीछे) और गति को आगे बढ़ाने लगे हैं, उससे वे और भी समझदार हो गए हैं.” उन्होंने स्पीड के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यहाँ गति एक बड़ी भूमिका निभा रही है. चूँकि वे अपनी लंबाई को पीछे खींच रहे हैं, इसलिए आप नहीं चाहते कि कोई बैकफुट पर जाए और आपको मिडविकेट और स्क्वायर लेग से बाहर निकाले. इसलिए आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप लगभग 90-किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंदबाजी करें, इसलिए भले ही वे बैकफुट पर चले जाएँ, उन्हें बस एक या दो बार गेंद को इधर-उधर घुमाना होगा. यह एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.”
इंपैक्ट प्लेयर कितने फायदेमंद हैं?
चावला ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अधिकांश टीमें बल्लेबाज और तेज गेंदबाज के अदला-बदली में इस नियम का उपयोग कर रही हैं, लेकिन उन्हें पावरप्ले में स्पिनरों को गेंदबाजी का मौका देना चाहिए. इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “क्योंकि आपके पास इम्पैक्ट सब के साथ तेज गेंदबाज का अतिरिक्त विकल्प है और फिर बहुत सारे खिलाड़ी हैं… अगर कोई भारतीय पारी की शुरुआत कर रहा है, तो कप्तान के तौर पर उन्हें लगता है कि वे स्पिनरों को बहुत अच्छी तरह से खेलते हैं और फिर स्पिनर काफी रन बना सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “और अगर आप वाकई स्पिनर को गेंदबाजी करना चाहते हैं, तो आपको पावरप्ले में गेंदबाजी करने का उस तरह का अनुभव होना चाहिए, क्योंकि यह करना आसान काम नहीं है. या पहला या दूसरा ओवर, क्योंकि मुझे लगता है कि टी20 क्रिकेट में गेंदबाजी करने के लिए यह सबसे आसान ओवर है. आप वहां अपने स्पिनर का इस्तेमाल कर सकते हैं.”
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