‘बुमराह की धार भी कम…’, इंग्लिश दिग्गज ने खोला राज, बताई टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी

Jonathan Trott on Jasprit Bumrah: मैनचेस्टर टेस्ट में भारत मुश्किल में है. इंग्लैंड ने तीसरे दिन तक पहली पारी के आधार पर 186 रन की बढ़त बना ली है. भारत को विकेट लेने में दिक्कत हुई, यहां तक कि जसप्रीत बुमराह को भी सफलता के लिए संघर्ष करना पड़ा. जोनाथन ट्रॉट ने बुमराह को बदकिस्मत बताते हुए उनकी सफलता का एक बड़ा राज खोला.

By Anant Narayan Shukla | July 26, 2025 2:29 PM
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Jonathan Trott on Jasprit Bumrah: इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पिछड़ रही भारतीय टीम चौथे टेस्ट में भी मुश्किलों की तरफ बढ़ती दिख रही है. भारत ने अपनी पहली पारी 358 रन पर समाप्त की, जबकि तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 7 विकेट पर 544 रन बना लिए हैं और भारत पर 186 रनों की मजबूत बढ़त भी हासिल कर ली है. अभी दो दिन का खेल बाकी है और मौजूदा हालात को देखते हुए ड्रॉ या हार की संभावना अधिक लग रही है. भारत को इस मैच में विकेट लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. यहां तक कि जसप्रीत बुमराह को अभी तक इस मैच में सफलता हासिल करने के लिए जूझना पड़ा है. पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट का मानना है कि मैनचेस्टर टेस्ट में भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह बेहद बदकिस्मत रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि बुमराह कब सफल रहते हैं. 

ट्रॉट ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “बुमराह की लाइन-लेंथ काफी अच्छी थी और उनके इकॉनमी रेट से भी यह साफ होता है कि वह किफायती थे, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिले यह बदकिस्मती रही. बड़ी समस्या यह रही कि दोनों छोर से दबाव नहीं बन पाया. जब दूसरे छोर से समर्थन नहीं मिलता, तब बुमराह की धार भी कम हो जाती है. और जब गेंदबाजी यूनिट औसत प्रदर्शन करती है, तो दोनों छोर से नियंत्रण बेहद जरूरी हो जाता है.” उन्होंने आगे कहा, ‘‘बुमराह को जब दूसरे छोर से सहयोग मिलता है तो वह काफी सफल रहते हैं और आज (शुक्रवार) ऐसा नहीं था. जब आप गेंदबाजी इकाई के रूप में थोड़ा कमजोर होते हैं तो दोनों छोर से दबाव बनाना महत्वपूर्ण हो जाता है.”

ट्रॉट ने इस स्थिति से निपटने का एक समाधान भी सुझाया कि बुमराह को किसी स्पिनर जैसे रविंद्र जडेजा या वॉशिंगटन सुंदर के साथ गेंदबाजी करनी चाहिए थी, ताकि दबाव बनाया जा सके. उन्होंने कहा, “मैं चाहता कि बुमराह को दूसरे छोर से किसी स्पिनर के साथ गेंदबाजी करवाई जाती, जैसे वॉशिंगटन या कुलदीप के साथ ताकि दबाव बनाया जा सके. लेकिन जब दूसरे छोर से लगातार रन लीक हो रहे हों, तब इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर वह दबाव नहीं बन पाया, जैसा कि हमने बुमराह के स्पेल्स में पहले देखा है.”

अंशुल कंबोज ने किया निराश

बुमराह ने अपनी स्वाभाविक धार और ड्यूक गेंद के साथ धमक जरूर दिखाई, लेकिन इंग्लैंड के शीर्ष पांच बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर नहीं कर पाए. उन्होंने काफी मेहनत के बाद टेस्ट का अपना पहला विकेट, युवा जैमी स्मिथ के रूप में 28 ओवर के बाद हासिल किया. हालांकि किस्मत उनके साथ नहीं थी, लेकिन दूसरे छोर से लगातार रन लीक होना उनके लिए और बोझ का कारण बना. यह इंग्लैंड की पहली पारी की शुरुआत में ही साफ दिखा, जब बुमराह ने जैक क्रॉली और बेन डकेट को नियंत्रित किया, लेकिन डेब्यूटेंट अंशुल कंबोज ने लेग साइड पर लगातार बाउंड्री दीं.

ट्रॉट ने इस मैच में डेब्यू कर रहे अंशुल कंबोज पर भी टिप्पणी की और कहा, ‘‘अंशुल कंबोज टेस्ट क्रिकेट की जरूरतों पर खरे नहीं उतर पाए. एक क्षेत्र जिसमें भारत सुधार कर सकता था, वह है उनका गेंदबाजी संयोजन. तेज गेंदबाजों ने लगभग 82 ओवर किए और केवल तीन विकेट लिए, जबकि स्पिन गेंदबाजों ने सिर्फ 52 ओवर में चार विकेट लिए. यह एक ऐसी चीज है जिसकी उन्हें फिर से समीक्षा करनी होगी.’’

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