रोहित की ओपनिंग में पदोन्नति तुरंत असरदार साबित हुई और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में चमकने के पहले कदम बढ़ाए. यह उनके करियर का एक नया अध्याय था. शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू के लेटेस्ट एपिसोड में कहा, “चार या पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए, ये बंदा बोर हो जाता था. तब मैंने सोचना शुरू किया कि ये वनडे में इतना सफल क्यों है? क्योंकि वह जल्दी क्रीज पर आना पसंद करता है. मैंने कहा, अगर वह वहां जाकर अच्छा कर सकता है, तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने के लिए पर्याप्त समय है. उसके पास तेज गेंदबाजों के खिलाफ शॉट्स हैं, उन्हें टक्कर दे सकता है. जब फील्ड ऊपर हो, तो टेस्ट क्रिकेट उसके लिए हनीमून जैसा हो सकता है, अगर वह उसे अपनाना शुरू कर दे.”
पहली बार कब सोचा कि रोहित को ओपनिंग कराएं
शास्त्री के अनुसार, रोहित को टेस्ट में ओपनिंग कराने का विचार उनके दिमाग में पहली बार 2019 के क्रिकेट विश्व कप के दौरान आया. उस टूर्नामेंट में रोहित ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पांच शतक जड़े और 81 की औसत से कुल 648 रन बनाकर टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर बने. टेस्ट ओपनर के रूप में अपनी पहली पारी में ही रोहित आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो शतक जड़कर अपने इरादे साफ कर दिए. इसके बाद उन्होंने 12 में से 9 टेस्ट शतक ओपनिंग में ही बनाए.
शास्त्री ने कहा, “वह पहले काफी समय तक पांच और छह नंबर पर खेलता रहा, लेकिन कभी यहां तो कभी वहां होता था. वह 20-30 रन बनाकर आउट हो जाता था. तब मैंने सोचा, चलो इसे दबाव में डालते हैं और ऊपर भेजते हैं. मुझे याद है, मैंने उसे वेस्ट इंडीज में बताया था कि हम चाहते हैं कि तू ओपन करे. यह 2019 का अगस्त रहा होगा, वर्ल्ड कप के बाद. उसने वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन किया था, तो फॉर्म में था. हो सकता है उसने इस पर थोड़ा सोचा हो, लेकिन फिर वह तैयार हो गया.”
शास्त्री ने आगे कहा, “फिर वह पहले टेस्ट में आया, ओपनिंग की और शतक जड़ा. अगर मुझे सही याद है तो पहली पारी में ही बड़ा शतक मारा. फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि फिर उसे इसका मजा आने लगा. उसने इसे समझा और मैं ये जरूर कहूंगा कि उसने अपनी तकनीक पर बहुत मेहनत की. मुझे लगता है कि उसकी सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी इंग्लैंड में रही, जहां खेलने का तरीका थोड़ा अलग होता है. खासकर उसे सॉफ्ट हैंड्स से खेलना होता था और गेंद को छोड़ना भी सीखना पड़ा. और उसने इस पर मेहनत की, जो बहुत अच्छा था. तो अचानक कहीं से वह ऐसा खिलाड़ी बन गया जो आपके लिए मैच सेट कर रहा था.”
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