शांतो ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “मेरे पास एक घोषणा है. मैं बांग्लादेश टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं इस फॉर्मेट में कप्तान के तौर पर आगे नहीं बढ़ना चाहता और मैं सभी को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं. यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है. यह पूरी तरह से टीम की भलाई के लिए है और मुझे लगता है कि इससे टीम को फायदा होगा.”
तीनों फॉर्मेट में अलग कप्तान होना सही नहीं- शांतो
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान होना सही है, इसलिए उन्होंने टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. हाल ही में बांग्लादेश ने मेहदी हुसैन को वनडे कप्तान बनाया है, जबकि शांतो पहले ही टी20 कप्तानी से हट चुके हैं. उन्होंने आगे कहा, “पिछले कुछ वर्षों से मुझे इस ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने का मौका मिला है और मैं नहीं मानता कि तीन फॉर्मेट के लिए तीन कप्तान होना तर्कसंगत है. यह मेरी पूरी तरह से निजी राय है. क्रिकेट बोर्ड की राय अलग हो सकती है और मैं उसका पूरा सम्मान करता हूं. मेरी नजर में तीन कप्तानों के साथ टीम को चलाना मुश्किल होगा. इसलिए टीम के हित में मैं यह कदम उठा रहा हूं.”
यह पूरी तरह व्यक्तिगत मामला- शांतो
शांतो ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला किसी भी तरह की नाराजगी या व्यक्तिगत भावना से प्रेरित नहीं है. उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि लोग इसे व्यक्तिगत मामला न समझें या यह न सोचें कि मैंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि मुझे वनडे कप्तानी नहीं मिली. मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं. यह फैसला पूरी तरह टीम की भलाई के लिए है. इसमें कुछ भी निजी नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में वे कुछ दिन पहले ही क्रिकेट संचालन विभाग को इस बारे में सूचित कर चुके थे.
दूसरे टेस्ट मैच का कैसा रहा हाल
दूसरे टेस्ट मैच की बात करें, तो श्रीलंका ने प्रभात जयसूर्या की घातक गेंदबाजी और पाथुम निसंका की शतकीय पारी के दम पर बांग्लादेश को दूसरे टेस्ट में एक पारी और 78 रन से हराकर सीरीज 1-0 से जीत ली. मैच के चौथे दिन सिर्फ 28 मिनट में जयसूर्या ने लिटन दास, नयीम हुसैन और तैजुल इस्लाम को आउट कर पांच विकेट पूरे किए. इस जीत से श्रीलंका ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 में कीमती अंक भी हासिल किए. पहली पारी में श्रीलंका ने निसंका (158), चांदीमल (93) और कुसल मेंडिस (84) की बदौलत 458 रन बनाए थे. इसके जवाब में बांग्लादेश 247 और 133 रन ही बना सका, जिससे मैच पूरी तरह श्रीलंका के पक्ष में चला गया.
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