इस दिग्गज खिलाड़ी के बेटे को सभी फेंचाइजी ने नकारा, क्या खत्म हो रहा है क्रिकेट करियर?

Rahul Dravid Son Samit Dravid Unsold In Karnataka T20I League: राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ को घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतर प्रदर्शन और पहचान बनाने के बावजूद किसी भी टीम ने नहीं खरीदा. जबकि कई अपेक्षाकृत कम चर्चित खिलाड़ियों को भी बड़ी कीमत पर खरीदा गया. पिछले सीजन में वह मैसूर वॉरियर्स का हिस्सा थे और टीम ने उन्हें 50,000 रुपये की कीमत पर अपने साथ जोड़ा था.

By Aditya Kumar Varshney | July 16, 2025 3:11 PM
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Rahul Dravid Son Samit Dravid Unsold In Karnataka T20I League: कर्नाटक की लोकप्रिय टी20 लीग “महाराज ट्रॉफी” के चौथे सीजन की नीलामी मंगलवार को संपन्न हुई, लेकिन इस बार का सबसे बड़ा सरप्राइज भारतीय क्रिकेट के दिग्गज राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ को लेकर रहा. घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतर प्रदर्शन और पहचान बनाने के बावजूद समित को किसी भी टीम ने नहीं खरीदा. इस फैसले ने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरानी में डाल दिया है, खासकर तब जब कई अपेक्षाकृत कम चर्चित खिलाड़ियों को भी बड़ी कीमत पर खरीदा गया.

समित को इस सीजन की नीलामी में जूनियर खिलाड़ियों की ‘सी कैटेगरी’ में रखा गया था. पिछले सीजन में वह मैसूर वॉरियर्स का हिस्सा थे और टीम ने उन्हें 50,000 रुपये की कीमत पर अपने साथ जोड़ा था. हालांकि, इस बार जब नीलामी के बाद खरीदे गए खिलाड़ियों की सूची सामने आई, तो उसमें समित का नाम नदारद था. इसका सीधा अर्थ है कि समित 11 से 27 अगस्त के बीच आयोजित होने वाली इस लीग में हिस्सा नहीं लेंगे.

पिछला प्रदर्शन बना बाधा?

समित द्रविड़ ने पिछले सीजन में मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए कुल सात पारियों में कुल 82 रन बनाए थे. उनका स्ट्राइक रेट 114 रहा, जो टी20 प्रारूप के हिसाब से औसत माना जाता है. उनके इस प्रदर्शन को शायद टीम मैनेजमेंट ने ध्यान में रखा और इस सीजन में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. इसके अलावा, समित हाल ही में भारत की अंडर-19 टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे का हिस्सा बनने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्यवश घुटने की चोट के चलते वह टीम से बाहर हो गए. यह चोट भी उनकी बोली पर असर डालने वाला एक बड़ा कारण हो सकती है.

स्टार खिलाड़ी बने लाखों के हकदार

दूसरी ओर, नीलामी में कई घरेलू खिलाड़ियों की किस्मत चमकी. भारत के लिए खेल चुके देवदत्त पडिक्कल इस बार की नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे. हुबली टाइगर्स ने उन्हें 13.20 लाख रुपये की भारी कीमत में अपने साथ जोड़ा. इसके अलावा अभिनव मनोहर को भी हुबली ने 12.2 लाख रुपये में खरीदा. अनुभवी बल्लेबाज मनीष पांडे को मैसूर वॉरियर्स ने इसी कीमत पर अपनी टीम में शामिल किया.

गेंदबाजों में सबसे ज्यादा चर्चा विदवथ केवरप्पा की रही, जिन्हें शिवामोगा लायंस ने 10.80 लाख रुपये में अपनी टीम में लिया. यह सभी आंकड़े दर्शाते हैं कि घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को इस बार खुलकर मौका मिला है.

मैसूर वॉरियर्स ने एक और बड़ा नाम अपने साथ जोड़ा ऑलराउंडर के. गौतम. उन्हें 4.40 लाख रुपये की कीमत पर खरीदा गया. वहीं, लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल को मैंगलुरू ड्रैगन्स ने 8.60 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा.

नीलामी की प्रक्रिया अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है. टीमें अब भी दो-दो खिलाड़ियों को और अपनी स्क्वॉड में जोड़ सकती हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या समित को अंतिम समय में किसी टीम से मौका मिलता है या नहीं. फिलहाल संकेत यही दे रहे हैं कि उन्हें इस सीजन बाहर बैठना पड़ सकता है.

आगे क्या होगा?

समित द्रविड़ के पास उम्र और समय दोनों हैं. उनके प्रदर्शन में निरंतरता और सुधार उन्हें भविष्य में फिर से सुर्खियों में ला सकता है. लेकिन इस बार की नीलामी उनके लिए एक कड़वा अनुभव साबित हुई है. यह भी दर्शाता है कि घरेलू लीग्स में सिर्फ नाम नहीं, बल्कि वर्तमान फॉर्म और फिटनेस ही चयन का मुख्य आधार हैं. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या समित इस नाकामी को चुनौती के रूप में लेते हुए वापसी कर पाएंगे, या यह उनके करियर की दिशा बदलने वाला क्षण बन जाएगा.

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