Ranji Trophy को लेकर तेंदुलकर का आया ट्वीट, गिनाए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने के फायदे
Ranji Trophy: BCCI ने ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया है, जिसपर अब पूर्व महान भारतीय सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का एक ट्वीट आया है.
By Vaibhaw Vikram | March 6, 2024 11:25 AM
Ranji Trophy: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने ईशान किशन (Ishan Kishan) और श्रेयस अय्यर को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया है, जिससे अब उनका टीम इंडिया में वापसी आसान नहीं होने वाला है. हालांकि अनुबंध से बाहर कर दिये जाने का यह मतलब नहीं है कि टीम सेलेक्शन के समय अब उनके नाम पर कभी विचार ही नहीं किया जाएगा. कई बात ऐसा हुआ है कि अनुबंध से बाहर रहने वाले खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल किया गया है. चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय अनुबंध को अंतिम रूप दिया जाता है. ईशान और अय्यर ने बीसीसीआई की चेतावनी को दरकिनार किया और वे रणजी ट्रॉफी से दूर रहे. उनके अनुबंध रद्द होने का एक बड़ा कारण यही है. जिसपर अब पूर्व महान भारतीय सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)का एक ट्वीट आया है. सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को कहा कि रणजी ट्रॉफी में खेलने से राष्ट्रीय खिलाड़ियों को बुनियादी बातों की ओर लौटने का मौका मिलता है और साथ ही घरेलू टूर्नामेंट का स्तर भी ऊंचा होता है.
The Ranji Trophy semi-finals have been riveting! @MumbaiCricAssoc’s march into the finals was aided by a brilliant batting recovery, while the other semi-final hangs in the balance going into the last day – Madhya Pradesh need 90+ runs to win, Vidarbha need 4 wickets.…
Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल दिलचस्प: सचिन तेंदुलकर
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar) ने रणजी ट्रॉफी को लेकर किए गए एक्स पोस्ट में लिखा, ‘रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल दिलचस्प रहे. मुंबई का इसके फाइनल में पहुंचना शानदार बल्लेबाज़ी की मदद से हुआ, जबकि दूसरा सेमीफाइनल अंतिम दिन तक अधर में लटका हुआ है. मध्य प्रदेश को जीत के लिए 90 से ज्यादा रन चाहिए, जबकि विदर्भ को 4 विकेट चाहिए. अपने पूरे करियर के दौरान, जब भी मुझे मौका मिला, मैं मुंबई के लिए खेलने को लेकर जुनूनी रहा. बड़े हुए तो हमारे ड्रेसिंग रूम में लगभग 7-8 भारतीय खिलाड़ी थे और उनके साथ खेलना मजेदार था.’
Ranji Trophy: युवाओं को मिलता है इसका मदद: तेंदुलकर
उन्होंने आगे लिखा, ‘जब भारत के खिलाड़ी अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलते हैं, तो इससे युवाओं के लिए खेल की क्वालिटी बढ़ती है और कभी-कभी नई प्रतिभा की पहचान होती है. यह राष्ट्रीय खिलाड़ियों को कभी-कभी बुनियादी बातों को फिर से खोजने का मौका भी देता है. घरेलू टूर्नामेंटों में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के भाग लेने से, समय के साथ प्रशंसक भी अपनी घरेलू टीमों को और अधिक फॉलो करना और समर्थन करना शुरू कर देंगे. यह देखना अद्भुत है कि बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट को समान प्राथमिकता दे रहा है.’