Asia Cup History: जिद और गुस्सा… ऐसे हुई थी एशिया कप की शुरुआत, भारत को मिला था पाकिस्तान का साथ

Asia Cup History: एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी. दरअसल, 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में बीसीसीआई अध्यक्ष एनकेपी साल्वे को मैदान में एंट्री नहीं मिली थी, जिसके बाद नाराज होकर साल्वे ने वर्ल्ड कप को इंग्लैंड से बाहर निकालने की ठान ली और एशिया कप की शुरुआत की. यहां जानिए पूरी कहानी.

By Sanjeet Kumar | August 12, 2023 9:32 PM
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Asia Cup History India vs Pakistan: एशियाई क्रिकेट का महाकुंभ यानी एशिया कप का आगाज जल्द होने वाला है. एशिया कप 2023 पहला मैच 30 अगस्त को खेला जाएगा, जबकि फाइनल मैच 19 सितंबर को होगा. इस बार यह टूर्नामेंट पाकिस्तान और श्रीलंका की मेजबानी में खेला जाएगा. इस साल एशिया कप पाकिस्तान की मेजबानी में हाइब्रिड मॉडल के तहत खेला जाएगा. टूर्नामेंट में कुल 13 मैच होंगे, जिसमें से 4 मैच पाकिस्तान में होंगे, जबकि फाइनल समेत बाकी 9 मुकाबले श्रीलंका में खेले जाएंगे.

वहीं फैंस जिस मैच का बेसब्री से इतंजार कर रहे हैं, वो भारत-पाकिस्तान के बीच जंग है. ये हाइवोल्टेज मुकाबला 2 सितंबर को श्रीलंका के कैंडी में खेला जाएगा. वैसे तो ज्यादातर क्रिकेट फैंस को पता होगा कि एशिया कप की शुरुआत कब हुई है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि आखिरी एशिया कप की शुरुआत किस हालात में हुए और इसमें अहम रोल किसका था. बता दें कि एशिया कप की शुरुआत एक जिद और गुस्से से शुरू हुई थी.

दरअसल, एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी. हुआ यूं था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मैच को स्टैंड से देखना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. यह बात साल्वे को नागवार गुजरी और वो गुस्से से भर गए.

लेकिन उन्होंने अपना गुस्सा कुछ अलग अंदाज में जाहिर किया. उन्होंने ठान लिया कि अब वो वर्ल्ड कप को इंग्लैंड से बाहर निकालकर ही रहेंगे. हालांकि साल्वे अच्छे से जानते है कि यह इतना आसान नहीं होने वाला है. साल्वे की इस जिद में उनका साथ पाकिस्तान ने दिया. साल्वे ने इसके लिए तब के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष नूर खान से बात की.

पाकिस्तान भी इसके लिए मान गया. इसके बाद उन्होंने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के हेड गामिनी दिसानायके को भी अपने साथ मिलाया. इसके बाद 19 सितंबर 1983 को नई दिल्ली में एशियन क्रिकेट कॉन्फ्रेंस (ACC) का गठन किया गया. अब यह एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के नाम से जाना है. 

एसीसी में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा इस संस्था में बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापुर को भी शामिल किया गया. एसीसी के गठन के पीछे आईसीसी को चुनौती देना था. इस टूर्नामेंट में सिर्फ एशियाई टीमों को ही खेलने की अनुमति थी. एशिया कप का पहला सीजन 1984 में कराया गया. यह पहला सीजन वनडे फॉर्मेट में खेला गया, जिसकी मेजबानी UAE ने की. इस सीजन का खिताब भारत ने जीता.

तब से ही एशिया कप में भारत का दबदबा रहा है. अब तक एशिया कप के 15 सीजन खेले जा चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 7 बार भारत ने खिताब पर कब्जा जमाया है. जबकि श्रीलंका 6 बार और पाकिस्तान सिर्फ दो बार ही जीतने में कामयाब हुआ है. बांग्लादेश अब तक इकलौती ऐसी है जो फाइनल में पहुंचने के बाद भी खिताब नहीं जीत सकी है.

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