यह घटना इंग्लैंड की पारी के पांचवें ओवर में हुई. एक बार फिर गेंद दीप्ति शर्मा के हाथ में थी. दीप्ति शर्मा की गेंद पर टैमी ब्यूमोंट ने एक शॉट खेला जिसे मिडविकेट पर फील्डिंग कर रहीं जेमिमा रोड्रिग्स ने डाइव लगाकर रोका और थ्रो विकेटकीपर ऋचा घोष की ओर फेंका. उसी दौरान रन लेने का सोचकर आगे बढ़ीं ब्यूमोंट ने जैसे ही देखा कि गेंद फील्डर के पास पहुंच चुकी है, वह तुरंत क्रीज की ओर लौटीं. वे क्रीज की ओर आराम से लौट रही थीं, उनका बायां पैर क्रीज के अंदर था और दाहिने पैर से उन्होंने ऐसा मूवमेंट किया जिससे लगा कि वे गेंद को किक करने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि गेंद को उन्होंने छुआ नहीं, न ही रन आउट की कोई संभावना थी, लेकिन रीयल टाइम में देखने पर यह साफ लग रहा था कि टैमी ने गेंद को लात मारने की कोशिश की. यह नियमों के तहत संदेहास्पद था.
इस पर भारतीय खिलाड़ियों ने तुरंत अपील की. जेमिमा और ऋचा ने यह हरकत तुरंत देख ली और अंपायर से इशारों में शिकायत की. इसके बाद अंपायरों ने लंबी चर्चा की और फिर टीवी अंपायर की मदद ली गई. रीप्ले देखने के बाद थर्ड अंपायर ने टैमी को नॉट आउट करार दिया. हालांकि, भारत की अपील मजबूत मानी जा सकती थी. अंपायरिंग नियमों के अनुसार, अगर बल्लेबाज जानबूझकर फील्डिंग में बाधा डालता है, तो उसे आउट दिया जा सकता है, भले ही वह क्रीज के अंदर हो. इस केस में गेंद पूरी तरह डेड बॉल भी नहीं थी. नियमों में कहीं नहीं कहा गया है कि अगर बल्लेबाज क्रीज के अंदर हो, तो उसे जानबूझकर फील्डिंग में बाधा डालने की छूट मिल जाती है. इसी वजह से इस घटना पर सवाल उठ रहे हैं और बहस जारी है.
क्या कहता है ICC का नियम?
क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, यदि बल्लेबाज जानबूझकर किसी भी तरीके से फील्डिंग करने वाली टीम को रोकने या भ्रमित करने की कोशिश करता है, तो उसे “फील्डिंग में बाधा डालने” के तहत आउट करार दिया जा सकता है. नियम 37.1 फील्डिंग में बाधा डालने से संबंधित है.
37.1.1- अगर कोई बल्लेबाज, जब गेंद खेल में हो, तब जानबूझकर किसी शब्द या क्रिया के माध्यम से फील्डिंग साइड को बाधित करने या ध्यान भटकाने का प्रयास करता है, तो उसे फील्डिंग में बाधा के तहत आउट दिया जाएगा.
37.1.2- अगर बल्लेबाज गेंदबाज द्वारा डाली गई गेंद को जानबूझकर उस हाथ से गेंद को मारती है जिसमें बल्ला नहीं है, तो उसे फील्डिंग में बाधा के तहत आउट करार दिया जाएगा. यह नियम तब भी लागू होगा चाहे यह पहली बार गेंद को मारना हो या दूसरी/अगली बार. गेंद पर मारने में गेंद पर खेलना और विकेट की रक्षा में उसे एक से अधिक बार मारना दोनों शामिल हैं.
37.1.3- यह नियम तब भी लागू होगा, चाहे अंपायर ने नो-बॉल का इशारा किया हो या नहीं.
37.1.4- किसी भी संदेह से बचने के लिए, अगर अंपायर को लगता है कि बल्लेबाज विकेटों के बीच दौड़ते समय बिना किसी वैध कारण के अपनी दिशा में उल्लेखनीय रूप से बदलाव करता है और इससे फील्डर के रनआउट करने के प्रयास में बाधा आती है, तो अपील पर बल्लेबाज को फील्डिंग में बाधा के तहत आउट देना चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि रनआउट होता या नहीं.
भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे वनडे मैच का हाल
हालांकि टैमी का ये मामला भारत को बहुत महंगा नहीं पड़ा. जब यह घटना हुई, तब वे 25 गेंद में 16 रन बनाकर खेल रही थीं. लेकिन 11वें ओवर में स्नेह राणा ने उन्हें 34 रन पर एलबीडब्लू आउट कर दिया. इस मैच में इंग्लैंड की कप्तान नैट साइवर-ब्रंट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया. बारिश के कारण मैच देरी से शुरू हुआ और इसे 29 ओवर प्रति पारी कर दिया गया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 144 रन बनाए, लेकिन बारिश शुरू हुई, तो इंग्लैंड को 24 ओवर में 115 रन बनाने का लक्ष्य मिला, जिसे उसने 21 ओवर में 2 विकेट खोकर ही हासिल कर लिया.
सीरीज के पहले मुकाबले में भारत ने दीप्ति शर्मा की तेज अर्धशतकीय पारी और स्नेह राणा की शानदार गेंदबाजी से 4 विकेट से जीत हासिल की थी. अब इस मैच के बाद दोनों टीमों के बीच सीरीज 1-1 से बराबरी पर है. तीसरा मैच 22 जुलाई को चेस्टर-ले-स्ट्रीट में खेला जाएगा.
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