विराट कोहली ने न केवल टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखा, बल्कि उसे गौरव लौटाया. जब दुनिया सफेद गेंद के पीछे भाग रही थी, विराट ने लाल गेंद के खेल को प्रतिष्ठा दी. उनके आक्रामक नेतृत्व, फिटनेस कल्चर और खेल के प्रति समर्पण ने टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाया. उनके बिना टेस्ट क्रिकेट की कल्पना अधूरी लगती है. विराट कोहली के टेस्ट करियर को अलविदा कहने के बाद संजय मांजरेकर ने एक्स पर लिखा, “आधुनिक क्रिकेट युग के सबसे बड़े ब्रांड जिन्होंने क्रिकेट के सबसे पुराने प्रारूप के लिए अपना सब कुछ दे दिया. टेस्ट क्रिकेट का श्रेय विराट कोहली को जाता है.”
विराट ने इंस्टाग्राम पर अपने संन्यास की जानकारी साझा की. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि सफेद कपड़ों में 14 साल का यह सफर उनके लिए बेहद खास और आत्मिक रहा. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ने उनकी परीक्षा ली, उन्हें आकार दिया और ऐसे जीवनमूल्य सिखाए जो हमेशा साथ रहेंगे. कोहली ने यह स्वीकार किया कि इस प्रारूप को छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन यह फैसला अब सही लगता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने खेल को अपना सबकुछ दिया और बदले में उम्मीद से कहीं ज्यादा पाया. अंत में, कोहली ने खेल, अपने साथियों और प्रशंसकों के प्रति दिल से आभार जताते हुए “269, साइनिंग ऑफ” कहा.
विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में अब तक कुल 13 वर्षों में 9270 रन बनाए हैं, जिसमें उनका बल्लेबाज़ी औसत 46.85 का रहा. उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 254 नाबाद रहा है. कप्तान के रूप में कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में से भारत को 40 में जीत दिलाई, जो उन्हें भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाता है. उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे मजबूत क्रिकेट राष्ट्रों के खिलाफ ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज कीं.
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