U-19 T20 World Cup: भारतीय क्रिकेटर तृषा गोंगडी ने अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप में शतक जड़कर नया इतिहास रच दिया. मंगलवार को कुआलालंपुर के बेयूमास ओवल में खेले गए सुपर सिक्स मुकाबले में उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की. तृषा ने सिर्फ 53 गेंदों में शतक पूरा किया और जश्न में अपनी बाहें उठाकर खुशी जाहिर की. इसके साथ ही वे इस टूर्नामेंट के इतिहास में शतक लगाने वाली पहली बल्लेबाज बन गई हैं.
भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया गया. भारतीय पारी के 18वें ओवर की आखिरी गेंद पर तृषा ने मैसी मैसीरा की गेंद को बैकवर्ड पॉइंट के जरिए सिंगल के लिए भेजा और अपना पहला शतक पूरा किया. उन्होंने चैंपियनशिप के इतिहास में सर्वोच्च स्कोर भी दर्ज किया, जो इंग्लैंड की बल्लेबाज ग्रेस स्क्रिवेंस के जनवरी 2023 में पोटचेफस्ट्रूम में आयरलैंड के खिलाफ बनाए गए 93 रन के रिकॉर्ड से आगे निकल गया. वैसे टॉप 5 बल्लेबाजों में चार भारतीय बल्लेबाज ही हैं.
U19 महिला टी20 विश्वकप में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत रन स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज
- तृषा गोंगडी – 110 vs स्कॉटलैंड, 2025
- ग्रेस स्क्रिवेंस- 94 vs आयरलैंड, 2023
- श्वेता सहरावत- 92 vs दक्षिण अफ्रीका, 2023
- शेफाली वर्मा- 78 vs यूएई, 2023
- श्वेता सहरावत- 74 vs यूएई, 2023
Indian opener Trisha Gongadi forged the highest score in the Women’s #U19WorldCup history 👏
— ICC (@ICC) January 28, 2025
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भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 208/1 का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसमें त्तृषा 59 गेंदों पर 110 रन बनाकर नाबाद रहीं. उनकी पारी में 13 चौके और 4 छक्के शामिल थे. उन्होंने जी कमलिनी (51) के साथ पहले विकेट के लिए 147 रनों की साझेदारी की. इस टूर्नामेंट में कमलिनी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाजी भी हैं. उन्होंने अब तक 230 रन बनाए हैं. उनके इस शतक के बाद भारत की पूर्व बल्लेबाज मिथाली राज ने भी तारीफ करते हुए कहा, “त्रिशा गोंगडी का शतक देखकर बेहद रोमांचित हूं! #U19WorldCup के इतिहास में यह पहला शतक है. हमारे युवा प्रतिभाओं को इस अवसर पर आगे बढ़ते देखना शानदार है. आगे बढ़ते रहो और आगे बढ़ते रहो!”
इससे पहले, तृषा ने अंडर-19 महिला एशिया कप में भी शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने 53 की औसत और 120.45 के स्ट्राइक रेट से 159 रन बनाए थे. तृषा अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी रह चुकी हैं.आंध्र प्रदेश के बद्राचलम में जन्मी गोंगडी तृषा ने महज दो साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. उनके पिता जीवी रामी रेड्डी ने उनके खेल करियर की नींव रखी और इस सफर में हर कदम पर मार्गदर्शन किया.
पिता के परिश्रम से यहां तक पहुंची तृषा
तृषा ने कहा, “क्रिकेट के बारे में मुझे पहली बार पिता के जरिए पता चला, जब मैं इतनी छोटी थी कि इस खेल की समझ भी नहीं थी. जैसे-जैसे बड़ी हुई, मुझे अहसास हुआ कि उन्होंने मेरे लिए कितने त्याग किए हैं.” महज 9 साल की उम्र में उन्होंने हैदराबाद की अंडर-16 टीम में जगह बना ली और जल्द ही अंडर-19 हैदराबाद और दक्षिण क्षेत्र की टीम में भी चयनित हो गईं.
अपने पिता के योगदान पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “अगर पापा ने मुझे कम उम्र में क्रिकेट से नहीं जोड़ा होता, तो मैं इतना घरेलू क्रिकेट नहीं खेल पाती. बचपन से ही उन्होंने मेरे लिए खास योजनाएं बनाईं, कोचिंग दिलवाई और सीमेंट पिच पर घंटों प्रैक्टिस करवाई. हर दिन दो घंटे का बल्लेबाजी सत्र अनिवार्य था.” तृषा की सफलता के पीछे उनके पिता का अटूट समर्थन और समर्पण रहा, जिसने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया.
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