रोहित शर्मा ने 7 मई को संन्यास लिया और विराट कोहली ने 12 मई को. लेकिन विराट और रोहित एक ही दिन रिटायर होना चाहते थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक विराट ने इस बाबत बीसीसीआई (BCCI) को बता दिया था, लेकिन विराट को कॉल करके रोका गया. क्योंकि उसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ गया था. भारत ने पहलगाम हमले के दोषी आतंकियों और पाकिस्तान की पनाह में बैठे दहशतगर्दों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. इसके साथ ही भारत को आने वाले महीने में इंग्लैड का पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए दौरा करना भी शामिल था. इसलिए भारतीय मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने विराट को कुछ दिन रुकने और अपने निर्णय पर दोबारा सोचने के लिए कहा गया. इसके लिए बीसीसीआई के एक प्रभावशाली प्रशासक को लगाया गया. हालांकि, ऐसा लग रहा था कि स्टार बल्लेबाज ने मन बना लिया था और BCCI के आला अधिकारियों को यह समझ आ गया था कि वह भारत के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी को यह निर्णय लेने से नहीं रोक सकते.
विराट के संन्यास लेने की सूचना बीसीसीआई को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मिल गई थी. मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर और भारतीय क्रिकेट को चला रहे एक प्रभावशाली प्रशासक को विराट कोहली का संदेश मिला कि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते हैं, हालांकि वह वनडे क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहते हैं. इस फैसले के पीछे उनकी अपनी फैमिली के साथ अधिक समय बिताने की इच्छा एक प्रमुख कारण थी.
परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं कोहली
रिपोर्ट के अनुसार टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह निर्णय उन्होंने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए लिया है. कोहली ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए छोड़ी थी. दिसंबर 2023 में दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले वह एक मेडिकल इमरजेंसी के कारण इंग्लैंड गए थे. दरअसल, जब भी उन्हें थोड़ा समय मिला, वह परिवार से मिलने इंग्लैंड चले जाते थे. 2024 में भारत के T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद कोहली कैरिबियन से विशेष उड़ान के जरिए मुंबई पहुंचे, विजय जुलूस में शामिल हुए और उसी रात इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए. Virat Kohli Wanted to be with Family.
BCCI के फैमिली रूल ने भी बिगाड़ा सामंजस्य
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में 1-3 से मिली टेस्ट सीरीज हार के बाद, BCCI ने एक निर्देश जारी किया जिसमें खिलाड़ियों को लंबी टूर पर अपने परिवार के साथ रहने की अवधि 14 दिनों से अधिक नहीं रखने को कहा गया. यह फैसला पूर्व कप्तान कोहली को पसंद नहीं आया. कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के इनोवेशन लैब समिट के दौरान कहा, “परिवार की भूमिका को समझाना बहुत मुश्किल है… यह कितना ग्राउंडिंग होता है, जब भी कोई बाहरी तौर पर तीव्र चीज होती है, तो आप अपने परिवार के पास लौटते हैं. मुझे नहीं लगता कि लोग समझते हैं कि इसका कितना मूल्य होता है. परिवार का साथ मैदान पर हुई निराशा से उबरने में बहुत मदद करता है.” BCCI Rule on Virat Kohli Retirement.
कोहली ने आगे कहा, “मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर निराश नहीं होना चाहता. मैं सामान्य जीवन जीना चाहता हूं. तभी आप अपने खेल को एक ज़िम्मेदारी के तौर पर देख सकते हैं, एक ऐसी जिम्मेदारी जो केवल विचार नहीं बल्कि एक वास्तविकता हो कि आपने अपना काम पूरा किया और फिर घर लौटे, परिवार के साथ रहे, और जीवन सामान्य रूप से चलता रहे.”
अब वनडे का बादशाह विश्वकप जीतना चाहता है
खैर, अब विराट का रिटायरमेंट एक सच्चाई है. विश्व क्रिकेट में हमेशा एक दौर आता है, जब खिलाड़ी खेल के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाते हैं और उनकी पहचान ही खेल की आईडेंटिटी बन जाती है. विराट ने अपने करियर में यही हासिल किया. हालांकि मैदान से विराट कोहली दूर नहीं होने जा रहे. टेस्ट न सही वे वनडे क्रिकेट जरूर खेलेंगे और उनका ड्रीम 2027 विश्वकप भी हो सकता है. विराट से हाल ही में इस बारे में पूछा गया कि उनका अगला कदम क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा, “अगला बड़ा कदम? मुझे नहीं पता. शायद अगला विश्व कप 2027 जीतने की कोशिश हो.”
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