पहला विवाद – रोस्टन चेज को मिला नॉट आउट का फैसला
दूसरे दिन के पहले ही ओवर में वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेज को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने एलबीडब्ल्यू की अपील पर फंसाया. कमिंस को लगा कि गेंद पहले पैड से टकराई, इसलिए उन्होंने तुरंत DRS लिया. रिप्ले में दिखा कि गेंद बल्ले से लगने से पहले अल्ट्रा-एज पर एक हल्का स्पाइक आया था, जिससे संकेत मिला कि शायद गेंद बल्ले से टकराई थी. हालांकि, थर्ड अंपायर ने यह मानते हुए चेज को नॉट आउट करार दिया कि गेंद बल्ले से टकराई थी. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने मैदानी अंपायर से बात करने की कोशिश भी की, लेकिन फैसला नहीं बदला गया.
दूसरा मामला – चेज को आउट दिया गया, जबकि बल्ले से स्पाइक दिखा
इसके कुछ ओवर बाद ही चेज एक और विवादास्पद फैसले का शिकार बने. इस बार उन्हें पैट कमिंस ने एलबीडब्ल्यू किया और अंपायर ने उन्हें आउट दिया. चेज ने डीआरएस लिया क्योंकि उन्हें लगा कि गेंद उनके बल्ले से लगी है. अल्ट्रा-एज में स्पष्ट स्पाइक दिखाई दी, लेकिन इसके बावजूद थर्ड अंपायर ने ऑन-फील्ड निर्णय को बरकरार रखते हुए उन्हें आउट दे दिया.
तीसरा फैसला – शाई होप को विवादास्पद कैच आउट
लंच के बाद के सत्र में शाई होप को विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों कैच आउट करार दिया गया. कैच की वैधता को लेकर ऑन-फील्ड अंपायर संतुष्ट नहीं थे और फैसला थर्ड अंपायर को सौंपा गया. रिप्ले में देखा गया कि गेंद कैरी के ग्लव्स में जाने से पहले जमीन को छू रही थी. इसके बावजूद थर्ड अंपायर ने होप को आउट दे दिया, जिससे फैंस और विशेषज्ञों में नाराजगी देखी गई.
चौथा फैसला – कैमरून ग्रीन के खिलाफ अपील खारिज
दूसरे दिन के अंत में एक और एलबीडब्ल्यू अपील में थर्ड अंपायर ने कैमरून ग्रीन को नॉट आउट करार दिया. जबकि रिप्ले में साफ दिखा कि गेंद बल्ले से टकराने से पहले पैड पर लगी थी. वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने इस फैसले को लेकर निराशा जाहिर की.
पांचवां फैसला – ट्रेविस हेड को जीवनदान
पहले दिन ट्रेविस हेड ने शमर जोसेफ की गेंद पर शाई होप को कैच थमा दिया था. ऐसा प्रतीत हुआ कि फील्डर ने कैच साफ तरीके से पकड़ लिया, लेकिन थर्ड अंपायर ने माना कि गेंद जमीन को छू गई थी और हेड को नॉट आउट करार दिया.
कोच सैमी ने जताई नाराजगी, कहा- इंग्लैंड से ही देख रहे
सैमी ने मैच में दिन का खेल समाप्त होने के बाद बताया कि वह सिर्फ फैसलों की प्रक्रिया को समझना चाहते हैं और केवल स्थिरता की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा, “जब किसी निर्णय में संदेह हो, तो बस हर स्थिति में समानता बरती जाए. मैं इस विशेष अंपायर के साथ पहले भी इंग्लैंड में हुई वनडे सीरीज में यह चीज देख चुका हूं. यह निराशाजनक है, और हम बस चाहते हैं कि निर्णय लेने की प्रक्रिया एक जैसी हो.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह होल्डस्टॉक की ओर ही इशारा कर रहे थे और कहा कि बार-बार फैसलों में विरोधाभास होने से शक पैदा होता है.
जब सैमी से पूछा गया कि क्या वेस्टइंडीज टीम इस पर आधिकारिक शिकायत दर्ज करेगी, तो उन्होंने कहा, “उसका इंतजार कीजिए.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि टीम अब भी मैच में जीत की स्थिति में है, लेकिन बार-बार गलत फैसलों और कैच छोड़ने जैसी गलतियों के बावजूद उनका ध्यान इस बात पर भी है कि टीम खुद को ही नुकसान पहुंचा रही है. सैमी ने कहा, “हम नियम जानते हैं, जुर्माने भी समझते हैं. लेकिन मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी इन चीजों पर ध्यान न दें. हमें सिर्फ इतना चाहिए कि निर्णय निष्पक्ष और एक जैसे हों, ताकि किसी पर अविश्वास न हो.”
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