अमिताभ चौधरी की कमी खल रही है
80 के दशक के दिग्गज रणजी क्रिकेट प्रदीप खन्ना के अनुसार जेएससीए को अमिताभ चौधरी की कमी खल रही है. यही कारण है कि रांची को न तो विश्व कप के मैचों की मेजबानी मिली और न ही यहां आईपीएल का कोई मैच हुआ. जेएससीए में पहले जितने भी मैच हुए, सभी सफलतापूर्वक संपन्न हुए. वर्तमान कमेटी में नेतृत्व की कमी साफ दिख रही है. अमिताभ चौधरी के जाने के बाद जेएससीए पूरी तरह बिखरा हुआ दिख रहा है.
उनकी बीसीसीआई में पहुंच थी
झारखंड की ओर से खेलनेवाले पूर्व रणजी क्रिकेटर आदिल हुसैन कहते हैं कि अमिताभ चौधरी बीसीसीआई के संयुक्त सचिव थे और उनकी बोर्ड में अच्छी पकड़ भी थी. अभी अगर वह जिंदा होते, तो इसका फायदा जेएससीए को जरूर मिलता. अमिताभ चौधरी किसी भी लेवल पर जाकर बात कर सकते थे. जेएससीए कई मैचों का सफल आयोजन कर चुका है. इसलिए इसे विश्व कप के मैच की मेजबानी नहीं मिलना यहां के क्रिकेट प्रेमियों को निराश करती है.
विश्व कप का मैच होना गर्व की बात
पूर्व रणजी क्रिकेटर एसपी गौतम कहते हैं कि रांची में विश्व स्तरीय स्टेडियम है. यदि यहां विश्व कप का मैच होता, तो राज्यवासियों के लिए गर्व की बात होती. जरूरी नहीं कि जेएससीए को भारत के मैच की मेजबानी ही दी जाती. किसी भी देश का मैच यहां होना चाहिए था, तभी यहां खेल को और बढ़ावा मिलता. बीसीसीआई भी चाहता है कि देश के छोटे शहरो में क्रिकेट का विकास हो. झारखंड ही नहीं ओड़िशा को भी एक-दो मैचों की मेजबानी दी जानी चाहिए थी.
जेएससीए की स्थिति दयनीय होती जा रही
पूर्व रणजी क्रिकेटर अजातशत्रु का मानना है कि अमिताभ चौधरी के गुजरने के बाद जेएससीए की स्थित दयनीय हो गयी है. पदाधिकारी प्रभावहीन हो गये हैं. रांची में विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम, फाइव स्टार होटल और एयरपोर्ट की सुविधा होने के बावजूद विश्व कप की मेजबानी नहीं मिलना काफी दुखदायी है. जेएससीए की वर्तमान कमेटी आईपीएल का मैच भी नहीं करवा सकी. एमएस धोनी ने दुनिया में झारखंड की जो छवि बनायी थी, वह भी धूमिल होती जा रही है.
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