कपड़े की गेंद से खेलकर क्रिकेट की सनसनी बनने वाली रेणुका सिंह ठाकुर की कहानी, कैसे बनीं स्टार

WPL 2025: टीम इंडिया की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर का क्रिकेट का सफर मुश्किलों भरा रहा है. वह बचपन से क्रिकेटर नहीं बनना चाहती थीं, लेकिन अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने जान लगा थी और लगातार असफलताओं के बीच वह आखिरकार क्रिकेट की सनसनी बन गईं.

By AmleshNandan Sinha | March 10, 2025 5:26 PM
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WPL 2025: महिला प्रीमियर लीग (WPL) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए अपने तीसरे सीजन में रेणुका सिंह ठाकुर ने अब तक सिर्फ सात मैचों में 10 विकेट चटकाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. अपने गांव में कपड़े की गेंद से खेलने से लेकर भारत की सबसे मशहूर तेज गेंदबाज़ बनने तक, उनका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. रेणुका के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं था, यह उनके दिवंगत पिता का अधूरा सपना था, जिसे उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद हासिल करने का बीड़ा उठाया और उसे हासिल कर लिया.

पिता का सपना पूरा करने के लिए लगा दी जान

अपने सफर की शुरुआत के बारे में बात करते हुए रेणुका ने कहा, ‘मैंने बचपन में ज्यादा क्रिकेट नहीं देखा था, यह सिर्फ एक शौक था, मुझे नहीं पता कि यह कैसे आया. मुझे बस खेलना पसंद था और मेरे गांव में हम कपड़े की गेंद से खेलते थे. आपको इसे तेजी से फेंकना होता था, नहीं तो यह ज्यादा दूर नहीं जाती. इस तरह मैं तेज गेंदबाज बन गई. एक दिन मेरे पिता ने मुझे बताया कि वह चाहते थे कि उनका कम से कम एक बच्चा क्रिकेट खेले. मैंने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया और मुझे लगता है कि क्रिकेट शायद इसी वजह से शुरू हुआ, क्योंकि यह मेरे पिता का सपना था.’

एक बार अंडर-19 टीम से निकाल दिया गया

रेणुका की सफलता की राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी. उन्होंने अपना गांव छोड़ दिया और एक क्रिकेट अकादमी में शामिल हो गईं. वह लगातार आगे बढ़ती गईं. हालांकि, जब उन्हें लगा कि वह कुछ बड़ा करने की राह पर हैं, तो उन्हें अंडर-19 टीम से निकाल दिया गया. यह एक ऐसा पल था जिसने उन्हें बहुत ज्यादा परेशान किया. उन्होंने कहा, ‘उस समय कई चीजें थीं, मुझे खेल से निकाल दिया गया था. मेरे भाई का भी एक्सीडेंट हो गया था, इसलिए मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इससे कैसे बाहर निकलूं. लेकिन मुझे चुनौतियां लेना पसंद था और अंडर-19 टीम से निकाले जाने के बाद, मैंने खुद से पूछा कि मैं उन्हें कैसे गलत साबित कर सकती हूं. मैंने उसके बाद बहुत मेहनत की.’

2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया भारत के लिए डेब्यू

आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अक्टूबर 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया. 2023 में आरसीबी ने उन्हें महिला प्रीमियर लीग के पहले सीजन के लिए अपनी टीम में शामिल किया. हालांकि, अपने डेब्यू सीजन में वह केवल एक विकेट ही ले पाईं, लेकिन उन्होंने सीखना कभी बंद नहीं किया. उन्होंने दबाव से निपटने के सलाह के लिए जसप्रीत बुमराह की ओर रुख किया. रेणुका ने कहा, ‘WPL के बाद मैंने उनसे लंबी बातचीत की. मुझे लग रहा था कि मैंने बहुत ज्यादा दबाव ले लिया है, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि इससे कैसे निपटना है. उन्होंने मुझसे कहा कि आप जितने ज्यादा मैच खेलेंगी, आपको इसकी उतनी ही आदत हो जाएगी.’

आरसीबी में मिला काफी सपोर्ट

आरसीबी के लिए खेलने को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे आरसीबी के लिए खेलने का मौका मिला. जब हम स्टेडियम जाते हैं तो पूरा स्टेडियम आरसीबी के नारे लगाता है. मुझे अच्छा लगता है जब भीड़ हमारा नाम लेती है, इससे हमें प्रेरणा मिलती है. कुल मिलाकर, पिछले कुछ सालों में महिला क्रिकेट काफी आगे बढ़ा है. इस समय, बहुत सारी सुविधाएं हैं, पैसा बढ़ गया है और बहुत से लोग इसमें अपना करियर देख सकते हैं. जब मैं घर जाती हूं तो गांव में छोटे बच्चे कहते हैं कि दीदी, मैं आपकी तरह बनना चाहता हूं, तो अच्छा लगता है.’

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