Paralympics 2024:भारत की रुबीना फ्रांसिस ने शनिवार को पेरिस पैरालिंपिक में देश के निशानेबाजों के मजबूत प्रदर्शन को जारी रखते हुए महिला एयर पिस्टल एसएच1 इवेंट के फाइनल में कांस्य पदक जीता. रुबीना ने कुल 211.1 अंक हासिल किए और आठ महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने दिन में पहले क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था.
पेरिस पैरालिंपिक में निशानेबाजी में यह भारत का चौथा और कुल मिलाकर पांचवां पदक था. शुक्रवार को अवनि लेखारा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक का सफलतापूर्वक बचाव करके इतिहास रच दिया था, जिसे उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में जीता था, जबकि उनकी हमवतन मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीता था.
इसके बाद मनीष नरवाल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) में रजत पदक जीता
पेरिस पैरालिंपिक के दूसरे दिन भारतीय निशानेबाजों ने वैश्विक मंच पर अपना दबदबा दिखाते हुए देश के लिए पदकों की झड़ी लगा दी. पैरा-स्पोर्ट्स में उत्कृष्टता की मिसाल अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में अपना खिताब बरकरार रखते हुए पैरालिंपिक में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक हासिल किया. इस जीत के साथ अवनि ने न केवल टोक्यो 2020 का अपना ही पैरालिंपिक रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि भारत की सबसे सफल महिला पैरालिंपिक एथलीट के रूप में अपनी स्थिति को भी मजबूत किया.
Paralympics 2024:अवनि के साथ पोडियम पर मोना अग्रवाल भी शामिल हुईं
अवनि के साथ पोडियम पर मोना अग्रवाल भी शामिल हुईं, जिन्होंने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. 36 वर्षीय निशानेबाज ने तनावपूर्ण फाइनल में भी अपना संयम बनाए रखते हुए उल्लेखनीय लचीलापन और कौशल का प्रदर्शन किया. मोना, जो स्वर्ण पदक की दौड़ में थीं, अंततः 228.7 के स्कोर के साथ समाप्त हुईं, और उच्च पोडियम फिनिश से चूक गईं. उनकी कांस्य पदक जीत टोक्यो ओलंपिक में भारत के निशानेबाजों की उपलब्धियों को दर्शाती है, जहाँ उन्होंने देश के लिए पदक तालिका भी खोली.
भारत के प्रभावशाली प्रदर्शन में मनीष नरवाल भी शामिल रहे, जिन्होंने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। मनीष ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 234.9 अंक हासिल किए और कोरिया के जोंगडू जो को पीछे छोड़ दिया, जो अंततः स्वर्ण पदक विजेता बने. टोक्यो खेलों में मिश्रित SH1 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीतने के बाद, यह रजत पदक मनीष के बढ़ते पैरालिंपिक पुरस्कारों के संग्रह में जुड़ गया है.
Paralympics 2024:रुबीना फ्रांसिस कौन हैं?
मध्य प्रदेश के जबलपुर की प्रतिष्ठित पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस ने अपने खेल के शिखर तक पहुँचने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया है. निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रुबीना को पैर की शिथिलता की अतिरिक्त बाधा का सामना करना पड़ा. उनके पिता साइमन फ्रांसिस, जो एक मैकेनिक हैं, ने आर्थिक तंगी के बीच शूटिंग के प्रति उनके बढ़ते जुनून को सहारा देने के लिए संघर्ष किया.
Also read :Samit Dravid: टीम इंडिया को बहुत जल्द मिलेगा दूसरा ‘दीवार’, समित द्रविड़ की भारतीय टीम में एंट्री
रुबीना की शूटिंग में यात्रा 2015 में शुरू हुई, जो गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों के प्रति उनकी प्रशंसा से प्रेरित थी. वित्तीय बाधाओं के बावजूद, उनके दृढ़ संकल्प ने उन्हें 2017 में अपने पिता के अथक प्रयासों से पुणे की गन फॉर ग्लोरी अकादमी में पहुँचाया.
Congratulations to Rubina Francis for winning the Bronze medal in the Women's 10m Air Pistol SH1 event at the #ParisParalymics. You've inspired millions with your hard work & dedication. Best wishes! #Cheer4Bharat
— Smriti Z Irani (@smritiirani) August 31, 2024
pic.twitter.com/5QN3P1gJVn
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये भारतीय हॉकी टीम का ऐलान, युवा खिलाड़ियों को मिला मौका
विराट के साथ रिलेशनशिप को लेकर तमन्ना भाटिया ने तोड़ी चुप्पी, कहा- बहुत तकलीफ होती है…
पैसों की तंगी, उधार की किट, लेकिन जज्बा ऐसा कि इंडिया U-16 टीम तक पहुंच गए कृष्णा भगत
ढाबा मालिक की बेटी की लंबी छलांग, हिसार से विश्व चैंपियनशिप तक का सफर नहीं था आसान