Paris Olympics:विनेश फोगट के वजन को लेकर विवाद के बीच पीटी उषा ने आईओए मेडिकल टीम का समर्थन किया: ‘एथलीट, कोच जिम्मेदार…’

Paris Olympics:विनेश फोगट को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण 50 किग्रा स्वर्ण पदक मैच से अयोग्य घोषित कर दिया गया. उन्होंने युस्नेलिस गुज़मान लोपेज़ के साथ संयुक्त रजत पदक के लिए अपील की. ​​इस घटना से विवाद और आलोचना हुई, जिसमें पीटी उषा ने मेडिकल टीम का बचाव किया.

By Om Tiwari | August 12, 2024 3:42 PM
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Paris Olympics:विनेश फोगट के वजन मापने में हुई गड़बड़ी की आलोचना के बीच भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को कहा कि वजन का प्रबंधन करना खिलाड़ियों का कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने मेडिकल टीम, खासकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला पर हुए हमलों की निंदा की.

एक आधिकारिक बयान में उषा ने कहा, “कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में खिलाड़ियों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रत्येक खिलाड़ी और उसके कोच की होती है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की.”

उन्होंने कहा, “आईओए मेडिकल टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति नफरत अस्वीकार्य और निंदा के योग्य है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि आईओए मेडिकल टीम पर हमला करने वाले लोग “किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे.”

उन्होंने कहा कि पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में प्रत्येक भारतीय एथलीट की अपनी सहायता टीम है जो इतने सालों से एथलीटों के साथ काम कर रही है.

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Paris Olympics:आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की

“आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की थी, मुख्य रूप से एक ऐसी टीम के रूप में जो एथलीटों की प्रतियोगिता के दौरान और बाद में उनकी रिकवरी और चोट के प्रबंधन में सहायता करेगी. इस टीम को उन एथलीटों की सहायता के लिए भी डिज़ाइन किया गया था जिनके पास पोषण विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट की अपनी टीम नहीं थी,” उन्होंने कहा.

29 वर्षीय विनेश फोगट सुबह के वजन में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अपने फ्रीस्टाइल 50 किग्रा स्वर्ण पदक मैच से अयोग्य घोषित होने के बाद हताश हो गई थीं. अयोग्यता ने उनकी ओलंपिक उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया और उन्हें संन्यास की घोषणा करनी पड़ी.

घटना ने आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया

इस घटना ने आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया, जिससे संसद में हंगामा मच गया. कुछ लोगों ने लापरवाही के लिए डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की आलोचना की, जबकि पूर्व आईओए प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने सुझाव दिया कि विनेश के आहार ने उनके अयोग्य होने में योगदान दिया हो सकता है.

विनेश ने स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया. हालांकि, बाल कटवाने जैसे उपायों के बावजूद, सुबह के वजन के दौरान उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया.

विनेश ने खेल पंचाट न्यायालय (CAS) में अपील की है, जिसमें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ के साथ संयुक्त रजत पदक दिए जाने की मांग की गई है, जिन्हें विनेश के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद फाइनल में पदोन्नत किया गया था. अमेरिकी सारा हिल्डेब्रांट ने लोपेज़ को हराकर स्वर्ण पदक जीता. विनेश की अपील पर 13 अगस्त तक फैसला आने की उम्मीद है.

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