Paris Olympics 2024 के बाद संन्यास लेंगे दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश
Paris Olympics 2024 के बाद भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश इंटरनेशनल मैचे से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने खुद इस बात की घोषणा की है. यह उनका आखिरी और चौथा ओलंपिक है. उन्होंने अपने फैंस और कोचों को धन्यवाद कहा है.
By AmleshNandan Sinha | July 22, 2024 5:41 PM
Paris Olympics 2024: भारतीय पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में जोर आजमाने के लिए तैयार है. इस बीच, भारत दिग्गज हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने सोमवार को घोषणा की कि वह पेरिस ओलंपिक के बाद कोई भी इंटरनेशनल मुकाबला नहीं खेलेंगे. इसका मतलब है कि वह संन्यास ले लेंगे. ओलिंपिक के बाद उनका 18 साल का करियर खत्म हो जाएगा. उन्होंने टीम के कई ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 36 साल के श्रीजेश ने भारत के लिए 328 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. पेरिस ओलंपिक उनका चौथा ओलंपिक होगा. उन्होंने कई राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है.
पदक पर है श्रीजेश की निगाहें
हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में पीआर श्रीजेश ने कहा कि जब मैं पेरिस में अपने अंतिम मैच की तैयारी कर रहा हूं, तो मैं पीछे की ओर बहुत गर्व और आगे की ओर आशा के साथ देखता हूं. उन्होंने कहा कि यह यात्रा असाधारण से कम नहीं रही है. मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, कोचों, प्रशंसकों और हॉकी इंडिया से मिले प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा. मुझ पर विश्वास करने के लिए सभी का धन्यवाद. भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में पुरुष हॉकी में कांस्य पदक जीता था.
श्रीजेश ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे साथी खिलाड़ी कठिन और मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे हैं. हम सभी यहां पेरिस में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं और निश्चित रूप से हमारी इच्छा अपने पदक का रंग बदलने की है. 2006 के दक्षिण एशियाई खेलों में पदार्पण करने के बाद, श्रीजेश भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे. जिसमें 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और जकार्ता-पालेमबांग में 2018 एशियाड में कांस्य पदक शामिल हैं. वह 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम और भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल चैंपियन टीम में भी थे.
कप्तान हरमनप्रीत ने श्रीजेश की जमकर की तारीफ
2022 राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता टीम में भी इस अनुभवी गोलकीपर की महत्वपूर्ण भूमिका थी. श्रीजेश टोक्यो ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत के मुख्य शिल्पकारों में से एक थे और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि टीम इस बार पेरिस खेलों में एक और पदक हासिल करने की कोशिश करेगी. जिससे श्रीजेश का आखिरी टूर्नामेंट यादगार बन जाए. वह हम सभी के लिए प्रेरणा रहे हैं और मुझे 2016 जूनियर विश्व कप में उनकी मार्गदर्शन वाली भूमिका अब भी याद है. यह अंतरराष्ट्रीय हॉकी में हमारे कई करियर की शुरुआत थी और उन्होंने हमारे प्रत्येक करियर को अपने तरीके से आकार दिया है.