बिहार में अब 194 शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार, पहले 33 हो चुके हैं बर्खास्त

Bihar Teacher News: बिहार में बिना रिक्ति बहाली के मामले में बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. गोपालगंज जिले में 33 शिक्षकों की पहले ही नौकरी जा चुकी है, अब 194 और शिक्षकों की नियुक्ति जांच के दायरे में है. अगर गड़बड़ी मिली तो उनकी सेवाएं भी समाप्त हो सकती हैं.

By Anshuman Parashar | March 29, 2025 9:29 AM
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Bihar Teacher News: बिहार के गोपालगंज जिले में बिना वैध रिक्ति के हुई शिक्षक बहाली पर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है. जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश के तहत 33 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था. अब शेष 194 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच तेज कर दी गई है. उनके सभी दस्तावेजों की गहन पड़ताल हो रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में उन्हें नियुक्त किया गया. अगर किसी की बहाली नियमों के विरुद्ध पाई गई, तो उनकी सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं.

बर्खास्त शिक्षकों से होगी वेतन की रिकवरी

जिन 33 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया गया था, उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाईकोर्ट ने यह मामला राज्य अपीलीय प्राधिकार के पास भेज दिया, लेकिन वहां से भी शिक्षकों को कोई राहत नहीं मिली. प्राधिकार ने पहले के आदेश को बरकरार रखते हुए सभी 33 शिक्षकों को सेवामुक्त करने और उनसे वेतन मद की राशि की रिकवरी करने का निर्देश दिया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर 25 मार्च तक सभी शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया.

अब बचे हुए शिक्षकों की जांच जारी, जल्द होगी अंतिम कार्रवाई

स्थापना संभाग के डीपीओ मो. जमालुद्दीन ने बताया कि पहले 60 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर राज्य अपीलीय प्राधिकार में अपील की गई थी. अब 194 शिक्षकों के दस्तावेजों और नियुक्ति प्रक्रिया की गहन जांच हो रही है. जल्द ही इनका मामला भी राज्य अपीलीय प्राधिकार में जाएगा, जिसके बाद इन पर भी फैसला लिया जाएगा.

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शिक्षकों में हड़कंप, बहाली प्रक्रिया पर उठे सवाल

शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई के बाद उन शिक्षकों में हड़कंप मच गया है, जिनकी नियुक्ति बिना वैध प्रक्रिया के हुई थी. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर किन परिस्थितियों में इन शिक्षकों की बहाली की गई और नियोजन इकाइयों ने इसकी मंजूरी कैसे दी? अगर जांच में गड़बड़ी साबित होती है, तो इन शिक्षकों की नौकरी जाना तय माना जा रहा है. इस मामले पर शिक्षा विभाग की पैनी नजर बनी हुई है, और जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

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