पटना. नक्सली, आतंकवाद आदि हिंसा में पीड़ित व आश्रितों की 50 फीसदी मुआवजा राशि तीन वर्षों तक बैंक में लॉक रहेगी. इसके लिए बैंकों को निर्देश स्थायी तौर पर दिये जायेंगे.
लॉक इन पीरियड में कुल राशि निकासी के लिए गृह विभाग ने चार शर्तों पर मंजूरी दी है. इसके तहत शिक्षा, घर निर्माण और महंगे इलाज के लिए पैसे निकाले जा सकेंगे.
कैबिनेट से स्वीकृति के बाद गृह विभाग से इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया गया. गौरतलब है कि पीड़ित की मृत्यु होने पर पांच लाख और अन्य मामलों में पीड़ित व आश्रितों को तीन प्लस एक लाख की मुआवजा राशि दी जाती है.
इन शर्तों पर निकाली जा सकेगी पूरी राशि
तीन साल के भीतर चार शर्तों पर मुआवजा राशि निकाली जा सकेगी. इसमें आश्रित के बच्चों की उच्च शिक्षा, गृह संपत्ति निर्माण, महंगी चिकित्सा उपचार के लिए राशि निकाली जा सकेगी.
निर्णय में कहा गया है कि भले ही अनुकंपा के आधार पर आश्रित व लाभुकों को नौकरी दिया गया हो, लेकिन वे आर्थिक सहायता पाने के हकदार होंगे.
सुरक्षा संबंधी व्यय जिलों के लाभुक केंद्रीय योजना के तहत आर्थिक सहायता के अतिरिक्त आर्थिक सहायता के हकदार होंगे.
Posted by Ashish Jha
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