लाइनर और शरणदाता की थी अहम भूमिका
पूछताछ में सामने आया है कि विशाल सिंह ने लाइनर की भूमिका निभाई थी. जबकि सूरज सिंह ने अपराधियों को अपने घर में दो दिन तक पनाह दी थी. यही नहीं, उसने लुटेरों को चिकन-चावल खिलाकर वारदात के लिए तैयार किया और शोरूम की रेकी भी कराई. पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विशाल सिंह को आरा से, जबकि सूरज सिंह को पटना से गिरफ्तार किया. उनके पास से लूट में इस्तेमाल की गई अपाची बाइक और मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं.
विशाल सिंह पर बंगाल में भी हत्या का मामला
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, विशाल सिंह पर भोजपुर और पश्चिम बंगाल में हत्या, बम ब्लास्ट सहित कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 2023 में पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक स्कॉर्पियो चालक की हत्या और गाड़ी लूटने के मामले में भी वह जेल जा चुका है. वह इसी साल फरवरी में जमानत पर बाहर आया था.
विशाल सिंह का आपराधिक इतिहास लंबा है. 2016 में रंगदारी नहीं देने पर आरा के नागरमल मॉल में बम फेंकने की घटना में भी उसका नाम सामने आया था. उस दिन गीधा-सकड्डी कोल्ड स्टोरेज पर भी बम फेंका गया था, जिसके बाद उसे चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
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पहले हो चुकी है तीन की गिरफ्तारी
इस लूटकांड में पहले ही तीन अपराधियों- गौतम कुमार, विशाल गुप्ता और कुणाल को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने गौतम कुमार के पास से लूट में इस्तेमाल की गई आर्टिका कार और मोबाइल फोन भी बरामद किया था. भोजपुर पुलिस अब लूट के मास्टरमाइंड और अन्य फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है. एसपी ने कहा कि जल्द ही पूरे गिरोह का सफाया कर दिया जाएगा. इस कार्रवाई को पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है.