जनता कॉलेज लभरी परसांवा में योग व नेचुरोपैथी चिकित्सा शिविर का किया गया आयोजन अंबा. स्वदेशी चिकित्सा पद्धति अन्य चिकित्सा पद्धति से ज्यादा लाभप्रद है. वर्तमान समय में लोग स्वदेशी चिकित्सा पद्धति को भूलते जा रहे हैं. अंग्रेजी चिकित्सा व्यवस्था से बीमारियों से त्वरित आराम तो मिलता है, परंतु कई बार बड़े नुकसान का भी सामना करना पड़ता है. ये बातें लभरी परसावां के प्राचार्य रामाश्रय सिंह उर्फ लोहा सिंह ने कही. वे मंगलवार को महाविद्यालय परिसर में आयोजित योग सह नेचुरोपैथी स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा की बेहतर स्वास्थ्य के लिए हम सभी को अपने दिनचर्या में सुधार करनी चाहिए. योग शिविर का आयोजन आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन व जांच शिविर का आयोजन पंचदेव धाम चपरा द्वारा संचालित श्री श्री गायत्री कृपा कल्याण आरोग्य मंदिर द्वारा किया गया. चिकित्सक डॉ निशिगंधा सुहाष नेमाडे ने कहा कि योग को नियमित रूप से अपनाने की जरूरत है. उन्होंने इम्यूनिटी स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम, अलोम विलोम, जल्द स्वसन व दीर्घ स्वसन आदि कराते हुए इसके लाभ से लोगों को अवगत कराया. इस क्रम में निरोग रहने के लिए कई नुस्खें बताएं. कहा कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए अपने दिन चर्चा में थोड़ा सा बदलाव करने की जरूरत है. शिविर में 40 से अधिक लोगों का प्राकृतिक विधि से उपचार किया गया. प्राकृतिक विधि से इलाज से तुरंत आराम मिलने से लोग काफी खुश दिखे. प्राचार्य ने बताया कि नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति से कई लोगों को तुरंत आराम मिला है. अगली बार यह शिविर भव्य तरीके से दो दिवसीय आयोजित किया जायेगा. उन्होंने चिकित्सकों के साथ अन्य आगत अतिथियों को अंग वस्त्र से सम्मानित किया. इस मौके पर प्रो रूणी कुमारी, प्रो नागेंद्र कुमार पांडेय, प्रो राजकुमार ज्वाला, प्रो राजीव कुमार सिंह आदि थे.
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