
दाउदनगर. विधिक संघ परिसर में अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह औरंगाबाद विधिक संघ पूर्व अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने अधिवक्ताओं के साथ बैठक का आयोजन कर अधिवक्ताओं को मिलने वाली सुविधाओं एवं कठिनाइयों पर चर्चा की. मुख्य रूप से अधिवक्ताओं के कल्याण एवं सेवा उपरांत मिलने वाली राशि, पेंशन योजना तथा झारखंड सरकार की तरह बिहार के अधिवक्ताओं को भी मिलने वाली सुविधा पर चर्चा की गयी. श्री सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार अधिवक्ताओं को अनेक सुविधाएं दे रही है. कोई नया अधिवक्ता योगदान करता है, तो उन्हें स्टाइपेंड स्वरूप पांच हजार रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाती है. 65 साल से अधिक उम्र के वकील जिन्होंने अपना लाइसेंस समर्पित कर दिया है, उन्हें झारखंड सरकार एवं बार काउंसिल झारखंड द्वारा प्रतिमा 14000 रुपये की राशि दी जाती है. झारखंड में अधिवक्ताओं को पांच लाख से 10 लाख रुपए तक बीमा सुविधा प्राप्त है. अन्य महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा की गई, जिनमें अधिवक्ता प्रोटक्शन बिल पास कराने,सूचना आयुक्त एवं अन्य सरकारी पद पर तथा समितियों में अधिवक्ताओं को समुचित स्थान देने की मांगे शामिल हैं. मांगों में न्याय हित में प्रत्येक गांव में लीगल एड क्लीनिक खोलने एवं अधिवक्ताओं को मानदेय 1500 रुपए प्रतिमाह करने,अधिवक्ताओंको सुरक्षा के लिए शस्त्र नीति बनाने, अधिवक्ताओं के प्लेस ट्रांसफर जैसे मांगों पर चर्चा की गई.अध्यक्ष निरंजन कुमार ने कहा कि दाउदनगर विधिक संघ के अधिकांश अधिवक्ता बिहार बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करते समय अपना कार्य स्थल औरंगाबाद दे दिया था, लेकिन अब वह वकालत दाउदनगर में कर रहे हैं, ऐसी स्थिति मे उनके लिए प्लेस ट्रांसफर मुश्किल भरा कम है. नये वकीलों के रजिस्ट्रेशन में 1500 रुपए सिर्फ लग रहा है.वहीं, प्लेस ट्रांसफर में एक अधिवक्ता को कम से कम तीन हजार खर्च आयेगा. मौके पर अधिवक्ता संघ के संजय सिंह,नवीन कुमार,रजनीश कुमार, दाउदनगर विधिक संघ के अध्यक्ष निरंजन कुमार, सचिव धर्मेंद्र सिंह, दयानिधि पांडेय, देवनन्दन सिंह, रामदेव यादव, बिजया कुमार शर्मा, सत्येंद्र कुमार, राजु कुमार, महेन्द्र पासवान, दयानंद शर्मा, विश्वास चौधरी, लक्ष्मण यादव आदि उपस्थित थे.
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