औरंगाबाद ग्रामीण. सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने सोमवार को हड़ताल पर जाने के पहले सिविल सर्जन से मुलाकात की. इस दौरान घंटों चिकित्सक व सिविल सर्जन के बीच बातचीत चली. हालांकि, इस दौरान इलाज के लिए आये मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई. सुनिश्चित तरीके से सभी का इलाज भी हुआ. सूत्रों से पता चला कि बातचीत के दौरान 15 दिनों के अंदर सीनियर-जूनियर के बीच जूझ रहे उपाधीक्षक के पद को सुलझा दिया जायेगा. 15 दिनों के बाद सदर अस्पताल के किसी सीनियर डॉक्टर को उपाधीक्षक बनाया जायेगा. डॉक्टरों को भी इसी बात की नाराजगी है. इसके पूर्व में डॉक्टरों ने सिविल सर्जन, जिलाधिकारी समेत कई वरीय पदाधिकारियों को आवेदन भी लिखा था. उल्लेख किया गया था कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आदेश का उल्लंघन करते हुए डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह को सदर अस्पताल का उपाधीक्षक बनाया गया है. विभाग के आदेश के अनुसार, वरिष्ठ सदस्य को ही अस्पताल का उपाधीक्षक बनाया जा सकता है. हालांकि, सोमवार को हुई बैठक के बाद 15 दिनों के अंदर इसे भी सुलझा दिया जायेगा. यूं कहें कि उपाधीक्षक को लेकर कुछ डॉक्टरों के अंदर में अनसुनी बातें चल रही थीं, वे अब समाप्त हो जायेंगी. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि उपाधीक्षक किसी सीनियर डॉक्टर को बना दिया जाये, किसी को कोई समस्या नही होगी, लेकिन जूनियर डॉक्टर को उपाधीक्षक बनाने से नाराजगी है. वहीं, कुछ डॉक्टर काम करने से भी कतराते थे. डॉक्टरों का कहना है कि इसके पूर्व मासिक आधार पर लगभग 65 सर्जरी की जा रही थी, लेकिन अब घटकर एक तिहाई से भी काम हो गयी है. डॉक्टरों का आरोप है कि जो भी मरीज ऑपरेशन के लिए आता था, उसे एनस्थीसिया का न रहने की बात कह कर वापस लौटा दिया जाता था. ऐसी स्थिति में मरीज निराश होकर सदर अस्पताल से लौटकर वापस घर चले जाते थे. इससे जिलेवासियों को सदर अस्पताल के प्रति उम्मीद टूटती हुई दिख रही है. किसी अनुभवी एवं जिम्मेदार व्यक्ति को उपाधीक्षक नियुक्त किया जाये, ताकि अस्पताल को सुचारू रूप से चलाया जा सके. वर्तमान उपाधीक्षक की उपस्थिति में सदर अस्पताल में राजनीतिक, गुटबाजी और हस्तक्षेप का मामला बढ़ता हुआ दिख रहा है. इसका खामियाजा मरीजों एवं उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर 15 दिनों के अंदर किसी सीनियर डॉक्टर को उपाधीक्षक नहीं बनाया गया, तो वे फिर से हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे. हालांकि, सिविल सर्जन से घंटों बाद के बाद सभी चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर वापस लौट आये. सिविल सर्जन द्वारा भी उन्हें आश्वासन दिया गया है कि 15 दिनों के अंदर इस समस्या को सुलझा लिया जायेगा. वैसे सिविल सर्जन से बात करने पर उन्होंने बताया कि सीनियर जूनियर को लेकर ऐसी कोई बात नहीं है. कुछ डॉक्टरों का आपसी मामला था, जिसे सुलझा दिया गया है. सिविल सर्जन के साथ बातचीत के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार, डॉ सुभाष कुमार सिंह, डॉ अभिषेक कुमार सिंह, डॉक्टर जमुना पांडेय, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ रवि भूषण शर्मा, डॉ सुभाष कुमार सिंह, डॉ उदय कुमार, डॉ दिनेश कुमार सिंह सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.
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