औरंगाबाद शहर. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन प्रसाद और जिला विधिज्ञ संघ के सहायक सचिव अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने राज्य सरकार से यह मांग की है कि बालिका गृह बभंडी का शीघ्र उद्घाटन किया जाये, ताकि 18 वर्ष से कम उम्र के भुले-भटके बालिका, अनाथ बालिका, परित्याग बालिका, सड़क पर मिले बालिका, बालश्रम बालिका, भिक्षुक बालिका, बाल तस्करी एवं बाल व्यापार में बरामद बालिका को आवासन में सुविधा हो. वर्तमान में कुछ को दूसरे जिला में भी भेजना पड़ता है. मदन प्रसाद ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन अभियान अभी जारी है. कई होटलों से नाबालिग बच्चों को बरामद किया गया है. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि आधुनिकता और डिजिटल युग में गरीब और निर्धन माता-पिता में बढ़ते क्लेश और नशापान की प्रवृत्ति से बच्चों की देखभाल प्रभावित हो रही है और बच्चे समुचित शिक्षा न मिलने तथा गलत संगत से 12 वर्ष के बाद से ही वे गलत कार्य के प्रति आकर्षित हो रहे हैं जो कानून के नजर में अपराध है. अभिभावकों का सही गाइडलाइन न मिलने से, घरेलू महिला उत्पीड़न तथा पारिवारिक विवाद से भी बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा और भविष्य प्राभावित होती है, जो चिंता का विषय है.
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