आनन-फानन में इलाज के लिए पहुंचाया गया सदर अस्पताल
जानकारी मिली कि आसपास के खेतों में काम कर रहे अन्य किसानों की नजर मूर्छित अवस्था में पड़े सुभाष पर गयी, तो शोरगुल मचाया. शोरगुल की आवाज सुनकर आसपास के किसान व परिजन पहुंचे और उसे जिंदा समझकर आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया. हालांकि, तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर सुनते ही परिजन शव से लिपटकर चीत्कार उठे. परिजनों की चीत्कार से सदर अस्पताल का कोना-कोना दहल उठा. इसके बाद घटना की सूचना नगर थाना की पुलिस को दी गयी.
पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कराया पोस्टमार्टम
सूचना पर नगर थाना की पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों से जरूरी पूछताछ के उपरांत पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करायी. परिजनों ने बताया कि सुभाष की पांच बेटियां व एक बेटा है. अब छह बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया. घटना के बाद से पत्नी बसंती देवी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, तो गांव में मातम पसरा हुआ है.
क्या कहते हैं थानेदार
मुफस्सिल थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि खान कपसिया गांव में वज्रपात की चपेट में आने से एक किसान की मौत हुई है. फिलहाल, नगर थाना की पुलिस की ओर से शव का पोस्टमार्टम कराकर दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है. परिजनों से आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. जिला पार्षद अनिल यादव, समाजसेवी जवाहिर मेहता, नौगढ़ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पंकज कुमार यादव, पैक्स अध्यक्ष छोटू सिंह आदि ने घटना पर दुख जताया और परिजनों को ढांढ़स बंधाया.
शव वाहन के लिए घंटों इंतजार में रहे परिजन
सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है, तो कभी पोस्टमार्टम कराने के लिए, तो कभी शव वाहन के लिए. एंबुलेंस के लिए भी इंतजार अक्सर होता है. सुभाष की मौत के बाद परिजन शव वाहन के लिए घंटों इंतजार में रहे. अस्पताल के पदाधिकारी और डॉक्टर दिलासा देते रहे. ऐसे में कुछ देर के लिए आक्रोश भी दिखा. बुधवार की सुबह बलिकरना गांव के एक व्यक्ति की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा.
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